भाइंदर : मीरा-भाइंदर शहर में आवारा कुत्तों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। पिछले एक वर्ष में शहर के हजारों लोग इनके शिकार हुए हैं, जबकि कुत्तों की आबादी को रोकने के लिए मनपा उनकी नसबंदी करती है लेकिन पिछले कई महीनों से नसबंदी का काम निधि के अभाव में बंद पड़ा है।
ज्ञात हो कि मीरा-भाइंदर शहर में कुत्तों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। गली, सड़क, मुहल्ले में आवारा कुत्तों से लोग परेशान हैं। पिछले कुछ महीनों से मनपा द्वारा किया जानेवाला नसबंदी कार्यक्रम भी ठप पड़ा हुआ है इसलिए लगातार कुत्तों के शिकार लोग हो रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों के आंकड़े देखें तो कुत्तों के काटने से घायल मरीजों की संख्या २०१८ में बढ़ गई है। २०१५ में मनपा के सभी अस्पतालों में कुल ६,७०४ मरीजों का इलाज हुआ था जबकि २,०१६ में कुत्ता काटे मरीजों की संख्या ६,९९५ थी, तो २०१७ में यह संख्या ७,०३१ हो गई और २०१८ के नवंबर तक ७,९४८ मरीजों का इलाज मनपा अस्पताल में हुआ है। ये आंकड़े तो मनपा अस्पताल के हैं, जबकि निजी अस्पतालों में भी इसके मरीज इलाज करवाए होंगे। गौरतलब है कि मनपा ने वर्ष २०१८-१९ के बजट में कुत्तों की नसबंदी के लिए २० लाख रुपए की निधि मंजूर की है। इस बारे में नगरसेवक जुबेर इनामदार का कहना है कि ऐसे काम के लिए मनपा के पास ठेकेदारों को देने के लिए फंड नहीं है जबकि सीएम चषक के लिए १ करोड़ का खर्च मनपा उठा रही है। हालांकि मनपा स्वास्थ्य विभाग के उपायुक्त पानपट्टे का कहना है कि निधि के अभाव में कुत्तों की नसबंदी का काम बंद था लेकिन इसे जल्द ही फिर से चालू कर दिया जाएगा।