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पत्नी के फोन-सेक्स को पति की आत्महत्या के लिए नहीं मान सकते दोषी: बॉम्बे HC

मुंबई, एक बैंकर की आत्महत्या के मामले बॉम्बे हाई कोर्ट ने शुक्रवार को फैसला देते हुए कहा कि उसकी पत्नी को इस आधार पर आत्महत्या को उकसाने का दोषी नहीं माना जा सकता कि उसने पति के दोस्तों के साथ फोन पर अश्लील बातें की थीं। जस्टिस मृदुला भाटकर ने कहा कि महिला को पति की आत्महत्या के लिए दोषी नहीं माना जा सकता। उन्होंने कहा कि अगर महिला पति के चेतावनी देने के बाद भी फोन-सेक्स जारी रखती और उसे इसके बारे में बताती रहती, तब इसे प्रताड़ना माना जा सकता था।
पति के दोस्तों से कीं अश्लील बातें
ठाणे के बैंकर ने जुलाई 2015 में खुद को आग लगी ली थी। पुलिस ने महिला पर आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज किया था। पुलिस ने इस बात को आधार बनाया था कि पति को महिला के ऐसे मेसेज मिल गए थे जिनमें वह उसके मुंबई और दुबई में रहने वाले दो दोस्तों से अश्लील बातें करती थी। हालांकि, महिला ने इस दावे से इनकार नहीं किया, लेकिन उसके वकीलों ने यह दलील दी थी कि महिला यह काम सीक्रेट में करती थी। इसलिए पति को आत्महत्या के लिए उकसाने का केस नहीं बनता।
‘जानबूझकर प्रताड़ना का केस नहीं’
जस्टिस भाटकर ने कहा कि महिला को धोखा देने का दोषी पाया जा सकता है लेकिन इस बात का कोई सबूत नहीं है कि उसने पति को आत्महत्या के लिए उकसाया। कोर्ट ने कहा, ‘अगर आरोपी जानबूझकर फोन-सेक्स करती और अपने पति को उसकी चेतावनियों के बावजूद इसके बारे में बताती रहती तो इसे सोची-समझी प्रताड़ना माना जाता। उसे धोखा देने का दोषी तो माना जा सकता है लेकिन आत्महत्या के लिए उकसाने का नहीं।’

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