भिवंडी : शहर की १६० साल पुरानी ब्रिटिशकालीन न्यायालय की इमारत जमींदोज कर दी गई। वहीं, भिवंडी के दीवानी और फौजदारी न्यायालय के लिए ३ मंजिल की नई इमारत बनाने का काम शुरू कर दिया गया है, जिसमें १६ न्यायालय चलेंगे। इससे पक्षकारों सहित नागरिकों का समय बचेगा। वकील संगठन, पक्षकार एवं नागरिकों ने इसका स्वागत किया है।
बता दें कि अब जो ३ मंजिला नई इमारत बन रही है, उसमें सेशन, सिविल, वरिष्ठ स्तर न्यायालय-२ सहित कुल १६ न्यायालय होंगे। इस इमारत में पुस्तकालय, बाररूम, कैंटीन, महिला एवं पुरुषों के लिए अलग-अलग शौचालय और पक्षकारों के लिए भी बैठने की व्यवस्था रहेगी। इससे शहर सहित ग्रामीण इलाके के भिवंडी न्यायालय क्षेत्र के पक्षकारों को ठाणे नहीं जाना पड़ेगा, जिसमें पक्षकारों के साथ वकीलों का समय बचेगा और पैसा बर्बाद नहीं होगा।
पुरानी इमारत में ८ न्यायालय चल रहे थे। मुख्य न्यायालय की इमारत में सिर्फ एक कोर्ट, शौचालय एवं भंडारगृह था। उस न्यायालय के पास स्थित छोटी इमारत में सरकारी वकीलों के लिए कमरा और बेलिफ रूम था। पुरानी इमारत तोड़ दिए जाने के कारण उसमें चलने वाले दो न्यायालय फिलहाल वकीलों के बाररूम में चल रहे हैं। नई इमारत का काम पूरा होने में २ साल से अधिक का समय लग सकता है।
पुरानी इमारत १८५८ में अंग्रेजों ने बनवाई थी, जिसमें अंग्रेजों के सैनिकों के लिए अस्पताल था। न्यायालय के पास छोटे घर से लगी हुई इमारत में कार्यालय, चिकित्सकों एवं अधिकारियों के रहने की सुविधा थी। इमारत का निर्माण पत्थर से किया गया था और कौले से छाया गया था। इमारत की छत की ऊंचाई २५ से ३० फिट थी। छत में शीशा लगे होने के कारण पर्याप्त प्रकाश भी रहता था। आस-पास सैनिकों की छावनियां थी और आंगन में एक कुआं था।