पत्रकारों के लिहाज से भारत दुनिया के सबसे असुरक्षित देशों में से एक है, जबकि इस लिस्ट में अमेरिका की एंट्री पहली बार हुई है. भारत और अमेरिका- दोनों इस लिस्ट में एक ही पायदान पर हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार, इन देशों में पत्रकार तब मारे गए जब यहां पर किसी तरह का न कोई युद्ध था या न ही कोई विवाद रहा था. भारत और अमेरिका के अलावा इस लिस्ट में यमन, मैक्सिको, सीरिया और अफगानिस्तान शामिल है.
रिपोर्ट्स विदआउट बॉर्डर्स की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में इस साल 6 पत्रकार मारे गए और अन्य कई पत्रकारों पर जानलेवा हमले किए गए. साथ ही कई पत्रकारों के साथ मारपीट या फिर धमकी की घटना हुई. इसके अलावा कई पत्रकारों को अपने खिलाफ हेट कैंपेन का भी सामना करना पड़ा, जिसमें सोशल मीडिया पर जान से मारने की धमकी बेहद आम बात रही.
रिपोर्ट कहती है कि पत्रकारों के लिहाज दुनिया के 5 सबसे खतरनाक देशों में भारत के अलावा अमेरिका, मैक्सिको, यमन, सीरिया और अफगानिस्तान भी शामिल है और यहां पर कई पत्रकारों को जान से हाथ धोना पड़ा.
हत्या के लिए बर्बर तरीके
रिपोर्ट के अध्ययन में खुलासा हुआ है कि इन पत्रकारों में मारने के लिए बर्बर तरीकों का इस्तेमाल भी किया गया. अपनी रिपोर्ट में उसने एक हिंदी अखबार के 2 पत्रकारों नवीन निश्चल और विजय सिंह की हत्या का जिक्र किया गया है. रिपोर्ट ने बताया कि बिहार के एक ग्राम प्रधान ने अपने खिलाफ रिपोर्टिंग को लेकर 25 मार्च को इन दोनों पत्रकारों के ऊपर एसयूवी कार चढ़ाकर हत्या कर दी थी. ऐसी ही एक घटना घटी मध्य प्रदेश में, जहां स्थानीय खनन माफिया को लेकर रिपोर्टिंग कर रहे पत्रकार पर ट्रक चढ़ाकर उसे मार दिया गया.
पिछले 3 सालों में बालू के अवैध खनन या फिर अन्य अवैध खनन में शामिल आपराधिक संगठनों ने कम से कम 6 पत्रकारों का कत्ल कर डाला है.
दुनिया के पत्रकारों के लिहाज से 5 सबसे खतरनाक देशों में अमेरिका भी शामिल हो गया है. अमेरिका में भी 6 पत्रकार मारे गए जिसमें कैपिटल गजट के 5 कर्मचारियों में से 4 पत्रकारों की हत्या कर दी गई. उनकी हत्या 28 जून को उस समय कर दी गई जब एक शख्स ने अचानक फायरिंग शुरू कर दी और 4 पत्रकार मारे गए. 2018 में अफगानिस्तान में सबसे ज्यादा 15 पत्रकार मारे गए और इस लिस्ट में वह शीर्ष पर है.