नवी मुंबई, पनवेल मनपा क्षेत्र में अभी से ही पीने के पानी की कमी होने लगी है। इसके चलते करीब एक पखवाड़े से पनवेल शहर में एक दिन के अंतर से जलापूर्ति की जा रही है। सीमित जल भंडार और बढ़ते जल संकट से पनवेल मनपा प्रशासन ने जलापूर्ति सामान्य होने तक शहर में नए निर्माणों को नया पानी कनेक्शन देने पर रोक लगा दी है।
जलापूर्ति में आ रही कमी के चलते मनपा महासभा में भी हंगामा हो रहा है। विपक्षी नगरसेवकों ने पनवेल मनपा प्रशासन से मांग की है कि वह जल्द से जल्द इस समस्या को दूर करे और आम जनता को पर्याप्त जलापूर्ति बहाल करे। बीते साल भी मानसून के समाप्त होने के दो-तीन महीने बाद से ही पनवेल में पीने के पानी की समस्या आ खड़ी हुई थी। इस साल भी लगभग यही स्थिति आ गई है। हाल ही में देहरंग जलाशय के जल निकासी वाली पाइपलाइन के मुहाने पर रिसाव शुरू हो गया था। इसके चलते भी करीब 2 लाख की आबादी वाले पुराने पनवेल शहर की जलापूर्ति बुरी तरह से प्रभावित हो गई थी। यह समस्या अभी भी जारी है।
जल्द दूर होगी समस्या
मात्र 27 महीने पहले स्थापित पनवेल मनपा क्षेत्र में जलापूर्ति की समस्या शुरू से ही बनी हुई है। आपूर्ति से अधिक मांग होने के चलते मनपा प्रशासन को जलापूर्ति में लगातार कटौती करनी पड़ रही है। इस समस्या के समाधान के लिए पनवेल मनपा प्रशासन लगा हुआ है। पनवेल के लिए पहले ही 408 करोड़ रुपये की लागत वाली अमृत योजना मंजूर की जा चुकी है। यह योजना केंद्र और राज्य सरकार के सहयोग से पूरी की जा रही है। हालांकि इस योजना के पूरा होने में तीन साल लगने वाले हैं। तब तक पनवेल में पीने के पानी की कमी बनी रहने वाली है। इस कमी को दूर करने के लिए मनपा प्रशासन को पूरे मनपा क्षेत्र में संतुलित जलापूर्ति करना होगा।
जल बचत के सुझाव
मनपा सदन में विरोधी दल नेता प्रीतम म्हात्रे व अन्य विपक्षी नगरसेवकों ने मनपा को कई सुझाव दिया है। इनमें प्रमुख रूप से पीने के पानी की हो रही चोरी पर रोक लगाने और मनपा क्षेत्र में निजी बोरवेल पर पाबंदी लगाते हुए इन बोरवेल से आम जनता को जलापूर्ति शुरू करने की मांग शामिल है। इसके अलावा मनपा क्षेत्र में अवैध नल कनेक्शनों को ढूंढकर उसे बंद करने, नए कनेक्शनों पर रोक लगाने, जल रिसाव रोकने, पानी चोरों को पकड़कर दंडित करने, आम जनता में जल बचत का संदेश देने, बाग-बगीचों को हर-भरा रखने के लिए दूषित जल को स्वच्छ कर उसका उपयोग करने, पीने के पानी का दुरुपयोग को सख्ती से रोकने जैसे कई अन्य उपाय शामिल हैं।
अमृत योजना से उम्मीद
केंद्र सरकार की अमृत योजना के 3 साल में पूरा होते ही पनवेल मनपा की जलापूर्ति योजना पटरी पर आ जाएगी। इस अमृत योजना पर 408 करोड़ रुपये खच होने वाले हैं। इसकी मंजूरी पहले से ही मिल गई है। इस योजना के तहत पनवेल मनपा क्षेत्र में पानी की 40 टंकियों का निर्माण किया जाएगा। इसके अलावा 165 किलोमीटर लंबी भूमिगत पाइपलाइन भी शहर भर में बिछाई जाएगी। इस योजना के मई 2021 तक पूरा होने की उम्मीद है। इन कार्यों के पूर्ण हो जाने के बाद पनवेल की पीने के पानी की समस्या लगभग समाप्त हो जाएगी।
नए विकल्पों पर जोर
जलापूर्ति समस्या को तात्कालिक रूप से दूर करने के लिए भी नगरसेवकों ने मनपा प्रशासन से नए विकल्पों पर जोर देने की मांग की है। इनमें देहरंग जलाशय की जल संचय क्षमता को बढ़ाने, सिडको द्वारा बनाए गए हेटवणे बांध को अपने कब्जे में लेने, एमआईडीसी, महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण (एमजेपी) तथा नवी मुंबई मनपा से बात करके उनसे अतिरिक्त पानी लेने जैसे विकल्पों का सुझाव शामिल है। यदि ये सुझाव अमल में लाए गए और पनवेल मनपा को एमआईडीसी, एमजेपी व नवी मुंबई मनपा से अतिरिक्त पानी मिल गया, तो अमृत योजना के पूरा होने तक पनवेल की पीने के पानी की समस्या बहुत हद तक दूर हो जाएगी।