मुंबई, अहमदनगर महानगर पालिका में सबसे कम नगरसेवक होने के बावजूद एनसीपी की मदद से बीजेपी का महापौर चुने जाने के बाद शिवसेना ने पहली बार बड़ा खुलासा किया है। शिवसेना कोटे से महाराष्ट्र सरकार में पर्यावरण मंत्री रामदास कदम ने मंगलवार को रहस्योद्घाटन किया कि शिवसेना वहां ऐंटी बीजेपी गठजोड़ बनाने की कोशिश कर रही थी, लेकिन एनसीपी ने दगा दे दिया। कदम ने कहा कि बीजेपी को सत्ता से दूर रखने के लिए उन्होंने खुद एनसीपी नेता अजित पवार और कांग्रेस नेता राधाकृष्ण विखेपाटील से बात की थी। कदम का यह खुलासा ऐसे वक्त में आया है जब बीजेपी लोकसभा और विधानसभा चुनावों में गठबंधन के लिए शिवसेना को मनाने में लगी है। कदम के इस रहस्योद्घाटन के बाद आगामी चुनावों में एनसीपी-बीजेपी गठबंधन होगा या नहीं, इस पर सस्पेंस गहरा गया है।
कदम ने कहा, ‘अहमदनगर एपिसोड से यह साफ हो गया है कि एनसीपी और बीजेपी के बीच अंदरूनी और दिखाने के दो अलग रिश्ते हैं। शिवसेना इसीलिए बीजेपी सरकार से बाहर नहीं आती, क्योंकि जैसे ही हम सरकार से बाहर निकलेंगे, एनसीपी हमारी जगह ले लेगी।’
सवाल उठ रहा है कि क्या आगामी चुनाव में एनसीपी-बीजेपी का समीकरण बन सकता है? शिवसेना के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘अजित पवार बड़े खिलाड़ी हैं। वह अपने परिवार को राजनीतिक संरक्षण देने की खातिर कुछ भी कर सकते हैं।’ शिवसेना के ऐंटी बीजेपी समीकरण पर इस नेता ने कहा, ‘हमने बीजेपी और एनसीपी का छिपा रिश्ता उजागर कर दिया। अब सरकार से बाहर आने का कोई दबाव नहीं डाल सकेगा।’
वहीं, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का कहना है, ‘हमने शिवसेना को बिना शर्त समर्थन का प्रस्ताव दिया था। अब उचित समय पर जवाब देंगे।’ इसी तरह एनसीपी के प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि एनसीपी तो नगरसेवकों के खिलाफ कार्रवाई करेगी ही, शिवसेना को बीजेपी के साथ अपनी ‘गृहस्थी’ की चिंता करनी चाहिए।