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भूकंप की दहशत, छात्रों को नहीं छत

पालघर, तलासरी में सबसे अधिक भूकंप आने वाली जगह धुंधलवाडी में स्थित स्कूलों के हजार से अधिक बच्चों को स्कूल के बाहर पढ़ाई-लिखाई करनी पड़ रही है। परिस्थितियों के हिसाब से स्कूल प्रशासन के इस निर्णय के लिए किसी को दोषी नहीं ठहराया जा सकता, लेकिन इससे व्यवस्था बिगड़ गई है। विद्यार्थियों का शारीरिक श्रम बढ़ गया है। उन्हें पढ़ाई के लिए वह माहौल भी नहीं मिल पा रहा है, जो क्लास रूम में होता है। स्कूल आने के बाद छात्र बैठने के लिए बेंच व टेबल बाहर लाते हैं और जाते समय फिर अंदर रखते हैं। गौरतलब है कि दहाणू तालुका के दापचरी, धुंधलवाडी, वरखंडा, वडवली, अंबोली, कुर्झे आदि गांवों में गत 11 और 24 नवंबर एवं 2, 5 , 6, 8 व 10 दिसंबर 2018 को भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। बार-बार भूकंप के झटकों से गांववालों में डर का माहौल बना हुआ है। इसके बाद 11 दिसंबर व 13 दिसंबर को इलाके का जायजा लेने भू-वैज्ञानिकों की एक टीम आई थी। भूकंप की तीव्रता व बार-बार आने वाले भूकंप की जांच के लिए टीम ने वहां मशीनें लगा रखी हैं। लेकिन अब तक यह पता नहीं चल पाया है कि भूकंप के झटके क्यों आ रहे हैं। पालघर जिले का दहाणू तालुका आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है। यहां ज्यादातर लोग खेती व मजदूरी करके अपना जीवन व्यतीत करते हैं।
पालघर, जिले के तलासरी में आए दिन आ रहे भूकंप के झटकों ने जहां ग्रामीणों की नींद उड़ा दी है, वहीं शिक्षकों और विद्यार्थियों में भी दहशत का माहौल है। इलाके के तमाम स्कूलों के क्लास रूम्स में ताले पड़े हुए हैं और कक्षाएं खुले आसमान के नीचे लग रही हैं। इस सबके चलते प्रशासन भी परेशान हो गया है।
भूकंप के डर से कहीं ठंड के बीच लोग घरों से बाहर रात बिता रहे हैं, तो कहीं स्कूलों के अंदर पठन-पाठन का कार्य बंद कर दिया गया है। न तो विद्यार्थी स्कूल के कमरों में बैठना चाह रहे हैं और न ही स्कूल प्रशासन उन्हें वहां बैठाने का जोखिम लेना चाहता है। पिछले दिनों आए भूकंप से स्कूल की दीवारों पर बड़ी-बड़ी दरारें पड़ गई हैं।
तलासरी इलाके में पिछले दो महीनों से रुक-रुक कर आ रहे भूकंप के झटकों ने ग्रामीणों के मन-मस्तिष्क में इस तरह डर पैदा कर दिया है कि हवा के झौकों से हिलने-डुलने वाली हर चीज में उन्हें भूकंप के झटके नजर आ रहे हैं। पिछले महीने तलासरी में भूकंप के कारणों की जांच करने के लिए भू-वैज्ञानिकों की टीम आई थी। उसकी जांच रिपोर्ट अभी तक नहीं आ सकी है। लेकिन गत शनिवार को फिर से आए भूकंप के झटकों ने दहशत बढ़ा दी है।

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