मुंबई : देश की सबसे बड़ी महानगरपालिका में कुछ महीनों पहले तक छह आईएएस अफसर थे, लेकिन वर्तमान में अब केवल चार अधिकारी ही रह गए हैं। अडिशनल म्युनिसिपल कमिश्नर संजय सेठी ने गुरुवार को अपनी जिम्मेदारी सौंपकर जेएनपीटी में बतौर चेयरमैन चले गए। सेठी के विभाग को विजय सिंघल और आई.ए.कुंदन के बीच बांट दिया गया है। कुंदन के बाद वित्त संबंधित सभी विभाग होंगे, यानी बजट तैयार करने की जिम्मेदारी उनकी होगी। सिंघल के पास कोस्टल रोड समेत पूरे इंजिनियरिंग विभाग की जिम्मेदारी होगी। दोनों के पास पहले से ही कई महत्वपूर्ण विभाग हैं।
फरवरी के पहले सप्ताह में आने वाले बजट की तैयारियों पर असर दिख सकता है। कारण, सेठी के पास ही बजट की जिम्मेदारी थी। इससे पहले बजट का काम देख रहे डॉ.संजय मुखर्जी का तबादला सितंबर में हुआ था। तीन महीने में वित्त जैसे बेहद महत्वपूर्ण विभाग में तीसरे आईएएस को जिम्मेदारी सौंपी गई है। सेठी और मुखर्जी दोनों के पास ही कोस्टल रोड, सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट, साइकल ट्रैक जैसे महत्वाकांक्षी परियोजनाएं भी थीं। एक अधिकारी ने बताया कि सामान्य तौर पर इतने महत्वपूर्ण विभाग में नई नियुक्ति तत्काल हो जाती है। लेकिन सरकार का यह निर्णय आश्चर्यचकित करने वाला है। नए अधिकारी को पूरी समीक्षा करनी पड़ती है, जबकि बजट एकदम नजदीक है। अब कमिश्नर के स्तर पर ही बजट पर भी नजर रखी जाने की संभावना है। गौरतलब है कि बीएमसी कमिश्नर अजय मेहता का भी तबादला इसी महीने होने की उम्मीद है।
कालबादेवी, भुलेश्वर के इलाके वाले सी वॉर्ड की जिम्मेदारी नए अफसर को सौंप दी गई है। गुरुवार को विनायक विसपुते ने जिम्मेदारी संभाल ली। इससे पहले काम देख रहे सुनील सरदार को कचरा विभाग में वापस भेज दिया गया है। सरदार वॉर्ड को स्वच्छ बनाने के लिए कई कदम उठा रहे थे। हाउस गली को साफ करने से लेकर दुकानों के सामने डब्बे रखवाने का अभियान उन्होंने शुरू किया था। वॉर्ड में अ?वैध निर्माण, फेरीवाले और गंदगी से निपटने की चुनौती नए अफसर के सामने होगी।