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जिस्मफरोशी के धंधे में बेचे जाने से बची हमनाम लड़की

मुंबई, मुंबई में खेरवाडी पुलिस की सतर्कता से जिस्मफरोशी के धंधे में बेची जा रही एक नाबालिग लड़की को बचा लिया। हालांकि पुलिस किसी और लड़की की तलाश में निकली थी, लेकिन मिल गई दूसरी। इत्तेफाक से दोनों लड़कियों के नाम एक ही हैं। खेरवाडी पुलिस स्टेशन के सीनियर पीआई राजेंद्र पाटील ने बताया कि 28 दिसंबर की रात भारतनगर झोपड़पट्टी में रहने वाली एक महिला ने 19 वर्षीय एक लड़की की गुमशुदगी का मामला दर्ज कराया था। जब जांच शुरू हुई, तो बांद्रा पुलिस ने खेरवाडी पुलिस को बताया कि इसी नाम की एक लड़की उत्तर प्रदेश में मिली है।
खेरवाडी पुलिस ने बांद्रा पुलिस से मिले नंबर पर कॉल किया, तो वह यूपी के झांसी के शेकवारी पुलिस स्टेशन का था। शेकवारी पुलिस ने खेरवाडी की महिला पुलिस अधिकारी विद्या गावडे को बताया कि एक लड़की है, जो मुंबई की रहने वाली है। उसे एक घर में बंद कर रखा गया है। शक है कि उसे जिस्मफरोशी के लिए मुंबई से यहां लाया गया है। इसके बाद खेरवाडी पुलिस अधिकारी विद्या और पीएसआई भोसले मुंबई से 31 दिसंबर को झांसी के लिए निकले।
दूसरी लड़की अब भी गायब
खेरवाडी पुलिस टीम ने झांसी स्थित एक संदिग्ध घर पर छापा मारा और वहां से एक लड़की को सुरक्षित निकाल लिया। हालांकि यह वह लड़की नहीं थी, जिसकी रिपोर्ट दर्ज हुई थी। दरअसल, यह लड़की नाबालिग है। शुक्रवार को पुलिस उसे लेकर मुंबई आई और शनिवार को उसकी मां को सौंप दिया। उसकी मां मुंबई सेंट्रल में रहती हैं और एक बिल्डर के घर में काम करती हैं। लड़की और उसकी मां मूल रूप से बिहार के दरभंगा के सिंगरौनी गांव की रहने वाली हैं। रविवार को मां-बेटी दरभंगा रवाना हो गईं।
अब भी गुमशुदा लड़की की तलाश
उधर, खेरवाडी पुलिस अब भी 19 वर्षीय लड़की को तलाश कर रही है। हालांकि, नाम एक होने के चक्कर में पुलिस ने एक अन्य लड़की को जिस्मफरोशी से बचा लिया। खास बात यह है कि जिसे बचाया गया है, उसकी गुमशुदगी का मामला ही दर्ज नहीं हुआ था।

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