मुंबई, क्या पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का एजेंट फारूक देवाडीवाला मारा गया है? मीडिया में आ रही इस खबर पर मुंबई पुलिस सूत्रों का कहना है कि वह जिंदा है। एक अधिकारी ने बताया, ‘उसके मारे जाने को लेकर सारा भ्रम इसलिए हो रहा है, क्योंकि पिछले कुछ महीनों से देवाडीवाला का अपने परिवार को कोई फोन नहीं आया है।’ देवाडीवाला मुंबई के मुसाफिरखाना का रहने वाला है। देवाडीवाला को उसके साथी सैम के साथ, अप्रैल, 2018 में गिरफ्तार किया गया था। उसे संयुक्त अरब अमीरात पुलिस ने जुलाई, 2018 में पाकिस्तान को इस वजह से सौंप दिया था, क्योंकि उसके पास पाकिस्तानी पासपोर्ट मिला था। सैम को आईएसआई इसलिए पाकिस्तान ले जाने में सफल नहीं हो पाई थी, क्योंकि उसके पास भारतीय पासपोर्ट था।
फारूक देवाडीवाला की ‘मौत’ की खबर सबसे पहले सितंबर में उड़ी थी। एक अधिकारी का कहना है कि जिस सरगना को आईएसआई ने बेहद मशक्कत के बाद पाकिस्तान बुलवाया, उसका फर्जी दस्तावेजों पर पाकिस्तान में पासपोर्ट बनवाया, उसे वहां क्यों मरवाया जाएगा?
देवाडीवाला के बारे में कहा जाता है कि उसने आईएसआई के कहने पर डेढ़ दशक पहले भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता हरेन पंड्या के मर्डर के लिए भारत आए एक पाकिस्तानी आतंकी को मुंबई में शरण दी थी। उसे डबल एजेंट भी बताया जाता है। वह पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए भी काम कर रहा था और भारतीय एजेंसियों के लिए भी। खबर फैली कि इसी शक में पाकिस्तान में उसका मर्डर कर दिया गया।