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पिछड़ी जातियों के लिए सरकार ने खोली तिजोरी

मुंबई, महाराष्ट्र मंत्रिमंडल के निर्णयों ने संकेत दे दिए हैं कि विधानसभा के चुनाव समय से पहले हो सकते हैं। इसे देखते हुए केंद्र की मोदी सरकार के तर्ज पर राज्य सरकार ने पिछड़ी जातियों के लिए लॉलीपॉप योजनाओं को हरी झंडी दिखाई है। मंत्रिमंडल में राज्य के विमुक्त जाति घुमंतू जनजाति (वीजेएनटी), अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और विशेष पिछड़ा वर्ग (एसबीसी) पर खास मेहरबानी दिखाते हुए उनके लिए तिजोरी खोल दी। इन वर्गों के लिए सरकार ने 736.50 करोड़ रुपये के प्रस्ताव मंजूर किए हैं। मंत्रिमंडल के निर्णय के अनुसार, अण्णासाहब पाटील आर्थिक विकास महामंडल की तर्ज पर सरकार ‘महाराष्ट्र अन्य पिछड़ा वर्ग वित्त व विकास महामंडल’ के माध्यम से युवाओं को 10 लाख रुपये तक के व्यक्तिगत कर्ज, जबकि 10 से 50 लाख रुपये तक के सामूहिक कर्ज मुहैया कराएगी। इन दोनों योजनाओं के लिए 50-50 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।

इस योजनाओं के तहत कर्ज लेने वालों के ब्याज सरकार भरेगी। इसके साथ ही ‘महाराष्ट्र अन्य पिछड़ा वर्ग वित्त व विकास महामंडल’ की ‘सीधी कर्ज योजना’ की राशि 25 हजार रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये करने का निर्णय लिया है। इस रकम की किश्त समय पर भरने वालों को ब्याज नहीं भरना होगा और अगर किश्त समय पर नहीं चुकाई तो 4 प्रतिशत ब्याज भरना होगा।

‘महाराष्ट्र अन्य पिछड़ा वर्ग वित्त व विकास महामंडल’ की उप कंपनी ‘शामराव पेजे आर्थिक विकास मंडल’ के जरिए विभिन्न योजनाओं को लागू करने के लिए 50 करोड़ रुपये रखा गया है। अन्य पिछड़ा वर्ग समाज के बारा-बलूतेदार को परंपरागत व्यवसाय की उत्पादकता बढ़ाने और आधुनिक सामग्री व वस्तुओं के वितरण के लिए 100 करोड़ रुपये की विशेष योजना मंजूर की है। इसके अलावा अन्य पिछड़ा वर्ग और विकास महामंडल के माध्यम से विभिन्न योजना को लागू करने के लिए 250 करोड़ रुपये का सहायक अनुदान उपलब्ध कराने की मंजूरी दी है।

ओबीसी छात्रों के लिए 36 हॉस्टल

राज्य मंत्रिमंडल ने ओबीसी छात्रों के लिए राज्य के प्रत्येक जिले में 100 बेड की क्षमता वाले एक-एक हॉस्टल शुरू करेगी, जिसमें छात्रों और छात्राओं के लिए अलग-अलग 18 हॉस्टलों के निर्माण समेत अन्य कामों के लिए 51 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई। इन हॉस्टलों में विद्यार्थियों को मुफ्त निवास, भोजन, शिक्षा सामाग्री और स्वास्थ्य समेत अन्य सुविधाएं मिलेंगी। हॉस्टल की इमारतों के लिए केंद्र सरकार भी बाबू जगजीवनराम छात्रावास योजना के माध्यम से निधि उपलब्ध कराएगी। इनमें ओबीसी विद्यार्थियों के साथ-साथ वीजेएनटी और एसबीसी विद्यार्थी भी रह सकेंगे।

ओबीसी समाज के 10 वीं और 12 वीं के विद्यार्थियों को पुरस्कार 

ओबीसी समाज के जो विद्यार्थी कक्षा 10 वीं और 12 वीं की परीक्षा में प्रदेश व विभाग स्तर पर प्रथम आए विद्यार्थियों को वसंतराव नाईक गुणवत्ता पुरस्कार दिए जाएंगे। राज्य भर में प्रथम आने वाले विद्यार्थियों को 1 लाख रुपये, स्मृतिचिन्ह और प्रमाणपत्र दिए जाएंगे। पुरस्कार के लिए 50 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है। ऐसे पुरस्कार वीजेएनटी और एसबीसी के प्रतिभाशाली छात्राओं को पहले से ही दिए जाते रहे हैं।

ओबीसी छात्राओं के लिए सावित्रीबाई फुले छात्रवृत्ति योजना 

5 वीं से 10 कक्षा तक पढ़ने वाली ओबीसी समाज की छात्राओं को सावित्रीबाई फुले छात्रवृत्ति दी जाएगी। इससे लगभग 2 लाख 20 हजार छात्राओं को फायदा होगा। कक्षा 5 वीं से 7 वीं तक की छात्राओं को हर महीने 60 के हिसाब से दस महीनों के लिए 600 रुपये की छात्रवृत्ति मिलेगी। जबकि कक्षा 8 वीं से कक्षा 10 वीं तक की छात्राओं को दस महीनों के लिए एक हजार रुपये मिलेंगे। इससे सरकारी तिजोरी पर 18 करोड़ का भार पड़ेगा। इस योजना के लाभार्थियों के लिए अभिभावकों की वार्षिक आय की सीमा नहीं होगी। वीजेएनटी और एसबीसी छात्राओं के लिए इस तरह की छात्रवृत्ति पहले से ही लागू है।

वसंतराव नाईक महामंडल के लिए 300 करोड़ 

सरकार ने वसंतराव नाईक विमुक्त जाति घुमंतू जनजाति विकास महामंडल के लिए 300 करोड़ रुपये का आर्थिक अनुदान देने का निर्णय लिया है। इसके माध्यम से अगले तीन सालों में युवाओं को व्यक्तिगत कर्ज 10 लाख रुपये जबकि सामूहिक कर्ज 10 लाख से 50 लाख रुपये तक उपलब्ध कराया जाएगा। दोनों योजनाओं के लिए 100 करोड़ रुपए की निधि का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा अति पिछड़े वडार, पारधी और रामोशी समाज के विकास के लिए भी विशेष योजना लागू की जाएगी।

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