मुंबई, बॉम्बे हाई कोर्ट ने महिला की शिकायत के बाद 47 वर्षीय एक पुरुष को चौथी बीवी से मिलने से रोक दिया है। पीड़ित महिला का कहना है कि आरोपी ने धोखा देकर उससे शादी की है तथा ससुराल वाले अब उसके दो महीने के बच्चे को सौंपने की मांग कर रहे हैं। 22 वर्षीय एक महिला ने बांद्रा मजिस्ट्रेट कोर्ट में यह शिकायत की थी कि उसके पति ने धोखा देकर शादी किया है। आरोपी पति इस समय धोखाधड़ी के एक मामले में दुबई की जेल में है। पति ने यह नहीं बताया कि उसकी पहले से ही तीन बीबियां और हैं। यह शिकायत महिला ने घरेलू हिंसा से महिलाओं को संरक्षण (डीवी) कानून, 2005 के तहत की है।
महिला ने अपनी शिकायत में यह भी बताया कि उसका पति, उसकी मां और बहन उसे बार-बार अपने बेटे को उन्हें सौंपने की धमकी देते रहे हैं। लेकिन मजिस्ट्रेट कोर्ट ने 3 जनवरी को महिला की फरियाद को नहीं सुना। इस पर महिला ने हाई कोर्ट में गुहार लगाई और न्यायाधीश मृदुला भाटकर ने कहा कि इस कानून की धारा 23 के तहत मजिस्ट्रेट को उचित अंतरिम आदेश देने का अधिकार है और उनकी राय में यह मामला इस योग्य है कि महिला को अंतरिम संरक्षण दिया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि यह तब और जरूरी है, जब महिला का दो महीने का बच्चा है। न्यायाधीश ने कहा कि उसके पति का पिछला रेकॉर्ड आपराधिक होने के कारण इस मामले में महिला को एक-पक्षीय अंतरिम आदेश दिया जा सकता है।