मुंबई : साल २०१६ में भी करीब १५४ डांस बार मालिकों ने लाइसेंस की अर्जी दी थी। सरकार ने आठ को छोड़कर बाकी की अर्जी लाइसेंस के लिए उपयुक्त नहीं मानी। इनमें सिर्फ तीन को ही लाइसेंस दिए गए। उनसे डिपाजिट के तौर पर दो-दो लाख रुपये ले लिए गए। कमला मिल आग के बाद जब इनके लाइसेंस रद्द हुए, तो उनकी डिपाजिट राशि भी वापस नहीं की गई। तीन और डांस बार मालिकों ने भी दो-दो लाख रुपये के डिमांड ड्राफ्ट बनवा लिए थे, पर पुलिस ने उन्हें यह कहकर लाइसेंस देने से मना कर दिया था कि हम बाकी को बाद में लाइसेंस देंगे। लेकिन वह समय कभी आया नहीं। शेष दो डांस बार मालिक वेट ऐंड वॉच का गेम देखते रहे।
साल २०१६ में जब सुप्रीम कोर्ट ने डांस बार शुरू करने का आदेश दिया था, तो महाराष्ट्र सरकार ने इन्हें आरंभ करने के लिए २६ कड़ी शर्तें रख दी थीं। इनमें एक शर्त यह थी कि बार डांसर जिस डांस फ्लोर पर डांस करें, वहां तीन फीट ऊंचा एक घेरा बनाया जाए। डांस बार मालिकों की आपत्ति थी कि एक डांसर की ऊंचाई अधिकतम पांच फीट होती है। यदि हम सरकार की यह शर्त मानेंगे, तो लोग डांस के वक्त डांसर की सिर्फ गर्दन ही देख पाएंगे, जबकि डांस देखने का मजा तभी है, जब उसे पूरी हाईट से देखा जाए। सरकार ने एक और शर्त रखी थी कि डांस फ्लोर पर भी सीसीटीवी लगाए जाएं और इनका एक्सेस पुलिस कंट्रोल रूम में रहे। डांस बार मालिकों ने इससे कस्टमर और डांसर दोनों की निजता को खतरे में बताया था कि पुलिस कंट्रोल रूम में बार डांसर और कस्टमर दोनों को पुलिस वाले देखेंगे। सरकार की एक कड़ी शर्त यह भी थी कि जहां पर डांस फ्लोर बनाया जाए, वहां से कस्टमर की पहुंच की सीमा तीन फीट दूर हो। इस सीमा को लाल लाइन से घेरा जाए। डांस बार मालिक इस शर्त पर भी नाराज थे। उन्होंने इन्हीं व अन्य शर्तों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटिशन दायर की थी, जिस पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस ए.के. सीकरी और जस्टिस अशोक भूषण की बेंच ने बार मालिकों की ज्यादातर शिकायतों को सही माना और सरकार को नई उदार शर्तों के साथ डांस बार शुरू करने का आदेश दिया।
अब कहा जा रहा है कि सरकार यह आदेश निकाल सकती है कि जो भी कस्टमर डांस बार जाएगा, उसके लिए अपनी फोटो आईडी दिखाना जरूरी होगा। परफारमेंस ब्रांच एसोसिएशन (आहार) के चेयरमैन भरत ठाकुर कहते हैं कि मुंबई में जितने भी आर्केस्ट्रा चल रहे हैं, वहां कस्टमर की फोटो आईडी देखने के बाद ही हम उन्हें अंदर जाने देते हैं।