यहां उपस्थित विद्यार्थियों की संख्या कम बताकर किया जाना था शिक्षकों का तबादला
भिवंडी, भिवंडी मनपा के उर्दू स्कूलों के 105 शिक्षकों का तबादला करने के मनपा प्रशासन के षडयंत्र पर पानी फिरता नजर आ रहा है। शिक्षाधिकारी द्वारा दी गई संच मान्यता में उर्दू माध्यम से पढ़ने वाले विद्यार्थियों की संख्या के आधार पर 115 शिक्षकों की कमी बताई गई है, जबकि मनपा द्वारा विद्यार्थियों की उपस्थिति का पता लगाने के लिए उर्दू स्कूलों में कराई गई अचानक गिनती में लगभग 82 प्रतिशत विद्यार्थी उपस्थित पाए गए हैं। अनुपस्थित रहने वाले 12 प्रतिशत विद्यार्थियों में सिर्फ 5.6 प्रतिशत विद्यार्थी ही लगातार अनुपस्थिति पाए गए हैं। बता दें कि मनपा द्वारा संचालित उर्दू माध्यम के 48 प्राथमिक स्कूलों में 17155 विद्यार्थी पढ़ते हैं। विद्यार्थियों की संख्या के आधार पर शिक्षाधिकारी द्वारा दी गई संच मान्यता में 658 शिक्षकों की आवश्यकता बताई गई है, जबकि मनपा के उर्दू माध्यम के स्कूलों में सिर्फ 543 शिक्षक ही कार्यरत हैं। संच मान्यता के अनुसार, यहां 115 शिक्षकों की कमी है। बताया जा रहा है कि अपनी इस कमी को छिपाने के लिए मनपा प्रशासन ने उर्दू माध्यम के स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या कम बताकर 105 उर्दू शिक्षकों के तबादले करने का षडयंत्र किया था।
इसके लिए बिना किसी जांच-पड़ताल के मनपा द्वारा 27 दिसंबर को हुई महासभा में उर्दू माध्यम के 105 शिक्षकों का एकतरफा तबादला करने का प्रस्ताव लाया गया था। लेकिन उस प्रस्ताव का मनपा में विरोधी पक्ष नेता भाजपा नगरसेवक श्याम अग्रवाल द्वारा कड़ा विरोध जताए जाने पर एकतरफा तबादला करने के प्रस्ताव को रोक दिया गया। महापौर जावेद दलवी ने उस समय यह कहते हुए प्रस्ताव को स्थगित किया था कि अगले कुछ सप्ताह में मनपा द्वारा उर्दू माध्यम के स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की गिनती कराई जाएगी और विद्यार्थियों की उपस्थिति के आधार पर ही अगले महासभा में प्रस्ताव लाकर शिक्षकों की बदली की जाएगी।
कमिश्नर की जांच में हुआ खुलासा
मनपा आयुक्त मनोहर हिरे के आदेश पर मनपा के 24 अधिकारियों की एक टीम बनाकर उर्दू माध्यम के 48 स्कूलों में विद्यार्थियों की उपस्थिति की जांच कराई गई। इसमें एक ही दिन में उर्दू माध्यम के स्कूलों में दर्ज 17155 विद्यार्थियों में से 13985 विद्यार्थी उपस्थित पाए गए। उस दिन 2060 विद्यार्थियों में से लगभग 12 प्रतिशत अनुपस्थित पाए गए थे। इनमें सिर्फ 1110 विद्यार्थी यानी लगभग 5.6 प्रतिशत सतत अनुपस्थित पाए गए थे, जो पिछले ढाई-तीन महीने से स्कूल नहीं आए थे। विद्यार्थियों की गिनती की इस रिपोर्ट से जहां एकतरफ 105 उर्दू शिक्षकों के तबादलों पर पानी फिरता नजर आ रहा है, वहीं इस रिपोर्ट ने मनपा शिक्षा विभाग (स्कूल समिति) और मनपा के जन प्रतिनिधियों के झूठे और गलत आरोप की पोल खोल कर रख दी है।
तबादले का रेट ढाई लाख रुपये!
सूत्र बताते हैं कि भिवंडी मनपा द्वारा संचालित स्कूलों में भारी संख्या में शिक्षक नांदेड, अमरावती, पुणे, बुलढाना, लातूर, जलगांव आदि जिलों के हैं, जो स्थानीय जनप्रतिनिधियों से सेटिंग करके अपने तबादले अपने जिले में कराना चाहते हैं। एक शिक्षक ने तो यहां तक बताया कि तबादले के लिए ढाई लाख रुपये का रेट निर्धारित किया गया है। कई शिक्षकों के 50 हजार रुपये की अग्रिम राशि देने की बात कही जा रही है।