शिवसेना-बीजेपी गठबंधन की इस चर्चा को राज्य में बीजेपी के वरिष्ठ नेता और राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटील के बयान ने हवा दी है। उन्होंने गुरुवार को मंत्रालय में पत्रकारों से कहा कि शिवसेना-बीजेपी के बीच रोज बैठकें होती रहती हैं। उन्होंने कहा कि शिवसेना-बीजेपी गठबंधन का ऐलान कभी भी हो सकता है। खबर है कि शिवसेना ने बीजेपी के सामने विधानसभा की 288 सीटों के बराबर-बराबर बंटवारे की शर्त रखी है।
वहीं लोकसभा के लिए 2014 के बंटवारे को ही यथावत रखने का प्रस्ताव दिया है। इसमें भी शिवसेना की शर्त यह है कि पालघर की सीट उसे दी जाए। इस बीच शिवसेना के प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद संजय राऊत ने कहा कि उन्हें गठबंधन की चर्चा के बारे में कुछ मालूम नहीं है। उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा, ‘जहां कहीं भी और जिस किसी के बीच भी यह चर्चा चल रही है उसे चलने दो। प्रपोजल भेजने और स्वीकारने के लिए शिवसेना कोई मैरिज ब्यूरो है क्या?’ उन्होंने कहा कि शिवसेना सेहरा बांधकर किसी के प्रपोजल का इंतजार नहीं कर रही है। हम तो कब का अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके हैं और पार्टी इसकी तैयारी में लगी है।
एक साथ नहीं होंगे लोकसभा-विधानसभा चुनाव
गुरुवार को दिल्ली से खबर आई कि बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने महाराष्ट्र के नेताओं को संदेश भेजा है कि महाराष्ट्र में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ नहीं होंगे। बताया गया कि बीजेपी नेतृत्व ने यह संदेश इसलिए भेजा है, ताकि कार्यकर्ता किसी भ्रम में नहीं रहें। बीजेपी नेता चंद्रकांत पाटील ने भी पत्रकारों के समक्ष इस बात को दोहराया कि राज्य में विधानसभा और लोकसभा के चुनाव एक साथ नहीं होंगे। जबकि कहा यह जा रहा है कि शिवसेना राज्य में एक साथ चुनाव कराने पर जोर दे रही है।
शिवसेना पर अपने सांसदों का दबाव
जानकारों का कहना है कि शिवसेना को डर है कि लोकसभा चुनाव में गठबंधन का लाभ लेकर, विधानसभा में बीजेपी उसे 2014 की तरह धोखा दे सकती है। दिल्ली में संसद के बजट सत्र से पहले हुई शिवसेना संसदीय दल की बैठक में भी महाराष्ट्र में बीजेपी के साथ गठबंधन के मुद्दे पर हुई चर्चा हुई है। खबरों के मुताबिक शिवसेना सांसदों ने राय व्यक्त की है कि अगर दोनों पार्टियां अलग-अलग लड़ीं, तो शिवसेना को नुकसान हो सकता है। फिलहाल शिवसेना के 18 सांसद हैं।