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राउत बोले- महाराष्ट्र में हम बड़े भाई थे, हैं और रहेंगे

मुंबई: लोकसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में बीजेपी के अहम सहयोगी शिवसेना के तल्ख तेवर बरकरार हैं। मुंबई में पार्टी सुप्रीमो उद्धव ठाकरे के साथ शिवसेना के सांसदों की बैठक के बाद संजय राउत के बयान से इसके साफ संकेत मिले हैं। शिवसेना और बीजेपी के बीच अभी सीट बंटवारे पर अभी कोई अंतिम फैसला नहीं हो पाया है। बता दें कि राज्य में इसी साल विधानसभा के चुनाव भी होने हैं। पिछली बार शिवसेना और बीजेपी ने अलग-अलग विधानसभा चुनाव लड़ा था।
मुंबई में पार्टी नेताओं की बैठक से बाहर निकलते हुए राज्यसभा सांसद संजय राउत ने चेतावनी भरे लहजे में कहा, ‘महाराष्ट्र में हम बड़े भाई हैं। हम बड़े भाई थे और बड़े भाई बने रहेंगे।’ इससे पहले खबर थी कि बीजेपी के साथ गठबंधन के लिए शिवसेना ने कुछ शर्तें रखी हैं और दोनों पार्टियां समझौते के काफी करीब हैं।
राउत से जब शिवसेना और बीजेपी के बीच बराबर-बराबर सीटों पर चुनाव लड़ने की रिपोर्ट्स के बारे में पूछा गया तो उन्होंने जवाब दिया, ‘हमारे पास इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। आप (मीडिया) लोग ज्यादा जानते हैं। हमारे पास ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है और हम यहां ऐसा कोई प्रपोजल स्वीकार करने के लिए नहीं बैठे हुए हैं। हम फिर दोहराते हैं कि शिवसेना बड़े भाई की भूमिका निभाएगी।’ संसद में राफेल मुद्दा उठाने के संकेत देते हुए राउत ने कहा, ‘हमारे बीच राफेल और महाराष्ट्र में सूखे के हालात जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई। उद्धव ठाकरेजी ने 10 प्रतिशत जनरल कैटिगरी आरक्षण पर कहा है कि 8 लाख की सालाना आय वाले लोगों को आयकर से छूट मिलनी चाहिए। चूंकि आपने उन्हें गरीब की श्रेणी में रखा है इसलिए उन्हें यह छूट दी जाए।’
शिवसेना-बीजेपी गठबंधन की चर्चा को राज्य में बीजेपी के वरिष्ठ नेता और राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटील के बयान ने हवा दी थी। उन्होंने गुरुवार को मंत्रालय में पत्रकारों से कहा कि शिवसेना-बीजेपी के बीच रोज बैठकें होती रहती हैं। उन्होंने कहा कि शिवसेना-बीजेपी गठबंधन का ऐलान कभी भी हो सकता है। खबर है कि शिवसेना ने बीजेपी के सामने विधानसभा की 288 सीटों के बराबर-बराबर बंटवारे की शर्त रखी है।
लोकसभा के लिए भी 2014 के बंटवारे को ही यथावत रखने का प्रस्ताव दिया है। इसमें भी शिवसेना की शर्त यह है कि पालघर की सीट उसे दी जाए। हालांकि संजय राउत ने इस पर व्यंग्यात्मक लहजे में कहा था, ‘जहां कहीं भी और जिस किसी के बीच भी यह चर्चा चल रही है उसे चलने दो। प्रपोजल भेजने और स्वीकारने के लिए शिवसेना कोई मैरिज ब्यूरो है क्या?’

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