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100 करोड़ लगाने के बाद भी नतीजा जीरो

मुंबई: बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के अस्पतालों को जोड़ने वाली हेल्थ मैनेजमेंट इन्फर्मेशन सिस्टम (एचएमआईएस) में 100 करोड़ रुपये से ज्यादा लगा दिए गए हैं। लेकिन अब तक अस्पतालों में यह किसी न किसी वजह से अटकी पड़ी है। पिछले पांच सालों से इसे शुरू करने के तमाम प्रयास फेल ही साबित हुए हैं। इसी कड़ी में आज स्थाई समिति में फिर उपकरण खरीदी के लिए 7 करोड़ का प्रस्ताव लाया गया है। एक अधिकारी के मुताबिक, नायर, कस्तूरबा, कूपर, राजावाडी, डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर अस्पताल में ही केवल 60 करोड़ रुपये का हार्डवेयर लगाया जा रहा है, जबकि सॉफ्टवेयर पर 40 करोड़ से ज्यादा का खर्च हो चुका है। इतनी महंगी लागत से खरीदे गए उपकरणों का उपयोग पूरी तरह से नहीं हो पा रहा है। अब तक प्रॉजेक्ट का पूरी तरह से ट्रायल में भी नहीं शुरू हुआ है। अस्पतालों में डॉक्टर कंप्यूटर में जानकारी भरने के लिए डाटा ऑपरेटर मांग रहे हैं, जबकि बीएमसी उन्हें खुद ही इसे सीखकर करने को कह रही है। इस मुद्दे को लगातार उठाए जाने के बाद जेजे अस्पताल में सफलता पूर्वक चल रहे एचएमआईएस के अध्ययन के लिए टीम भी दौरा कर चुकी है। इसकी रिपोर्ट अडिशनल कमिश्नर के पास जमा की गई है। इसे शुरू करने की कई डेडलाइन पहले भी छूट चुकी है।
क्या है प्रॉजेक्ट
एचएमआईएस बीएमसी का बेहद ही महत्वाकांक्षी प्रॉजेक्ट है। इसमें सभी अस्पतालों को एक कॉमन सर्वर से जोड़ा जाएगा। जिसके बाद मरीज का पूरा इतिहास कहीं से कभी भी किसी भी अस्पताल में देखा जा सकेगा। अस्पताल में दवाओं के स्टॉक से लेकर उपकरण की उपयोगिता तक सभी जानकारी एक क्लिक पर मिलेगी। लंबे समय से कोशिशों के बावजूद पूरी तरह से पारदर्शी व्यवस्था को लागू नहीं किया जा सका है। बीएमसी में फिलहाल सभी रेकॉर्ड ऑफलाइन ही रखे जाते हैं।
इतना महंगा कंप्यूटर!
बीएमसी अस्पताल में खरीदी के लिए आई-7 प्रोसेसर वाले 28 कंप्यूटर खरीदने का प्रस्ताव है। 1.28 लाख रुपये प्रति कंप्यूटर की लागत की उपयोगिता पर भी सवाल उठ रहे हैं। एक अधिकारी ने कहा कि हमारा पूरा सिस्टम क्लाउड पर है, ऐसे में इतने अडवांस प्रोसेसर वाले कंप्यूटर की जरूरत नहीं है! लेकिन क्या करें, बीएमसी को हमेशा सर्वश्रेष्ठ खरीदने की आदत है। चाहे उसका उपयोग हो या न हो। इसके अलावा, 83 हजार रुपये प्रति लैपटॉप की लागत से 278 लैपटॉप भी 2.32 करोड़ रुपये में लेने की तैयारी है। यह पहले से आए कंप्यूटर के अतिरिक्त हैं।
एक दूसरे पर निशाना
बीएमसी के नेता प्रतिपक्ष रवि राजा का कहना है कि सिर्फ अस्पतालों में इतने अडवांस कंप्यूटर की जरूरत होने पर ही लिया जाना बेहतर है। जनता का पैसा इस तरह व्यर्थ करना बिलकुल गलत है। वहीं बीजेपी के ग्रुप नेता मनोज कोटक ने कहा कि 100 करोड़ खर्च करके भी अब तक प्रॉजेक्ट शुरू न हो पाना बेहद गंभीर मामला है। इसकी जांच होनी चाहिए। जबकि समाजवादी पार्टी के ग्रुप नेता रईस शेख ने कहा कि पहले प्रशासन को पूरे प्रॉजेक्ट की स्थिति बतानी होगी। अस्पतालों की एक टीम इसे शुरू करने में रोड़ा डाल रही है। जबकि बीएमसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘हम पूरा सिस्टम ला चुके हैं। उपयोग तो शुरू होना चाहिए।’

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