जिला गाजियाबाद के थाना कविनगर इलाके में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां स्कूल टीचर्स से परेशान एक बच्चे के मां-बाप कविनगर थाने में शिकायत लेकर पहुंचे लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हुई. बच्चे की मां ने परेशान होकर थाने के सामने खुदकुशी करने की धमकी दी जिस पर थानाध्यक्ष नाराज हो गए और बोल दिया कि सुसाइड करनी है तो अपने घर जाकर करो. बच्चे की मां ने थानाध्यक्ष की बात से नाराज होकर घर में जहर खा लिया. महिला ने जहर खाने से पहले एक सुसाइड नोट भी लिखा है. इसमें स्कूल की 4 टीचर्स के अलावा थानाध्यक्ष कवि नगर और चौकी इंचार्ज शास्त्री नगर को अपनी मौत का जिम्मेदार बताया है. महिला की हालत बिगड़ती देख उसे आनन-फानन में अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उसका इलाज चल रहा है.
गाजियाबाद के थाना कवि नगर इलाके में रहने वाले मनोज सचान का 5 साल का बेटा शास्त्री नगर स्थित एक पब्लिक पढ़ता है. बच्चे की मां आरती सचान का कहना है कि उसके बच्चे के साथ स्कूल में भेदभाव होता है. इसकी शिकायत बच्चे ने अक्सर अपने परिजनों से कई बार की और उसकी शिकायत के बाद बच्चे के मां बाप ने टीचर और प्रिंसिपल से मिलने का भी प्रयास किया लेकिन उन्हें मिलने नहीं दिया गया. कई बार लिखित में भी शिकायत दी जा चुकी है. आरती सचान और उनके पति मनोज सचान का कहना है कि उनके बच्चे को लगातार टॉर्चर किया जा रहा है. इससे परेशान होकर बुधवार को आरती सचान और वह खुद थाना कविनगर स्कूल टीचर्स के खिलाफ तहरीर देने पहुंचे.
आरोप है कि थानाध्यक्ष ने उनके साथ बदसलूकी भी की. आरती सचान ने बताया कि जब उनकी बात की सुनवाई नहीं हुई तो उन्होंने थाने पर ही यह कह डाला कि अब उनके पास सुसाइड करने के अलावा और कोई रास्ता नहीं है. जब यह बात थानाध्यक्ष ने सुनी तो उन्होंने कहा सुसाइड करना है तो अपने घर जाकर कीजिए, और उन्हें थाने से भाग जाने के लिए कह दिया गया. थाना अध्यक्ष ने कहा कि यदि ज्यादा परेशानी है तो अपने बच्चे को स्कूल से निकलवा लीजिए. इसके बाद थानाध्यक्ष की बात से नाराज होकर आरती घर पहुंची और उन्होंने स्कूल की 4 अध्यापिका और थाना अध्यक्ष कवि नगर और चौकी इंचार्ज शास्त्री नगर को अपनी मौत का जिम्मेदार बताते हुए सुसाइड नोट लिखा और जहर खा लिया.
बाद में आरती की हालत बिगड़ती चली गई. उन्हें आनन-फानन में निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. फिलहाल आरती का उपचार चल रहा है. इस पूरे मामले में एसपी सिटी श्लोक कुमार का कहना है कि जांच क्षेत्राधिकारी को दे दी गई है. शिक्षा विभाग को भी गहनता से जांच के लिए बोला गया है और जो भी जांच में तथ्य सामने आएंगे उस आधार पर कार्यवाही की जाएगी.