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तुम बिन ये घर सूना-सूना है, हमले में देश के ५२ जवान शहीद

मुंबई : जम्मू कश्मीर के पुलवामा ने १४ फरवरी २०१९ को हुए अब तक के सबसे बड़े आतंकी हमले में देश के ५२ जवान शहीद हो गए। सीआरपीएफ के काफिले पर किए गए इस आत्मघाती हमले में शहीद होनेवाले कई जवान घटना से कुछ दिन पहले अपने घर गए थे और वे हाल ही में छुट्टी बिताकर ड्यूटी पर लौटे थे। लौटते समय इन जवानों ने अपने परिजनों को सकुशल वापस लौटने का वादा किया था, जो कि अब अधूरा ही रह गया। इन जवानों के परिजन अब यही कह रहे हैं कि तुम बिन ये घर सूना-सूना है।
बता दें कि पुलवामा यहमले में शहीद हुए रोहिताश लाम्बा जयपुर जिले के अमरसर थाना स्थित गोविंदपुरा गांव के निवासी थे। रोहिताश अपने साथी जवानी जीतराम गुर्जर व भागीरथ की तरह हाल ही छुट्टी बिताकर हाल ही में लौटे थे। डेढ़ साल पहले ही रोहिताश की शादी हुई थी। दो माह पहले रोहिताश की पत्नी ने बेटे को जन्म दिया था। इसी तरह राजस्थान के धौलपुर जिले के दिहौली थाना क्षेत्र स्थित जैतपुर निवासी भागीरथ छह साल पहले सीआरपीएफ की ४५वीं बटालियन में भर्ती हुए थे। भागीरथ घर से छुट्टियां बिताकर दो दिन पहले ही ड्यूटी पर लौटे थे। और वे जाते समय अपने पिता परसराम से सकुशल लौटने का वादा करके गए थे, अब वो कभी नहीं लौटेंगे क्योंकि उनकी शहादत की खबर आ गई। भागीरथ की पत्नी रंजना ३ साल के बेटे विनय और डेढ़ साल की बेटी शिवांगी को उकी कमी जिंदगीभर सताती रहेगी। राजस्थान के राजसमंद जिला स्थित विनोल गांव के निवासी नारायण लाल गुर्जर की शहादत के बाद नारायण लाल का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। यह वीडियो उनकी शहादत से पहले बनाया गया था, जिसमें उन्होंने जम्मू कश्मीर में तैनात सुरक्षाकर्मियों का दर्द बयां किया था। भरतपुर जिले की नगर तहसील स्थित सुंदरावली गांव निवासी जीतराम गुर्जर १२ फरवरी को ही ड्यूटी पर लौटे थे। २८ वर्षीय शहीद जीतराम की दो बेटियां हैं। बड़ी बेटी डेढ़ साल और दूसरी बेटी करीब ४ माह की है। शहीद हेमराज मीणा कोटा जिले के सांगोद जिले के गांव विनोद खुर्द के रहनेवाले थे। इनकी पत्नी व बच्चे सांगोद की सेन कॉलोनी में रहते हैं। यहां पर तीन साल पहले हेमराज ने नया मकान बनाया था। गुरुवार की रात १० बजे के करीब हेमराज की पत्नी मधु को फोन पर शहादत की जानकारी मिली, मगर रात अधिक हो जाने के कारण बच्चे सो गए थे। ऐसे में मधु ने हिम्मत दिखाई और रात के समय घर के किसी सदस्य को हेमराज के शहीद हो जाने के बारे में नहीं बताया। वह रात भर इस दर्द का घूंट अलेके ही पिती रहीं। सुबह में अन्य सदस्यों को इसकी जानकारी मिली। हेमराज की २ बेटियां और दो बेटे हैं।

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