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भारत-ईरान के लिए PAK के दो अलग-अलग जैश

आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद भारत के खिलाफ अक्सर साजिशें रचता रहा है. ऐसा ही एक आतंकी संगठन ईरान में भी सक्रिय है, जिसका नाम है जैश-अल-अदल. इसका अर्थ है आर्मी ऑफ़ जस्टिस यानी इंसाफ की सेना. ये पाकिस्तान के सिस्तान बलूचिस्तान प्रांत में सक्रिय एक सलाफ़ी जिहादी आतंकवादी संगठन है. इस आतंकी संगठन ने ईरान में कई हमलों को अंजाम दिया है.
इस आतंकी संगठन का दावा है कि यह एक अलगाववादी समूह है, जो सिस्तान बलूचिस्तान प्रांत की आजादी के लिए लड़ रहा है. यह आतंकी संगठन बलूच लोगों का समर्थन करता है. इस तरह ये आतंकी गिरोह ईरान और पाकिस्तान के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है.
जैश-अल-अदल की स्थापना 2012 में सुन्नी आतंकवादी समूह जुंडला के सदस्यों ने की थी. दरअसल 2010 में ईरान सरकार ने जुंडला के नेता अब्दोलमलेक रिगी को कब्जे में लेकर मौत की सजा दे दी थी. उसके बाद ये आतंकी संगठन कमजोर हो गया था. तब इसके सदस्यों ने मिलकर जैश-अल-अदल बनाया था.
भारत के पुलवामा में हुए आतंकी हमले से ठीक एक दिन पहले यानी 13 फरवरी, 2019 को ईरान में एक आत्मघाती बम धमाका हुआ, जिसमें आईआरजीसी के जवानों को ले जा रही बस को निशाना बनाया गया. इस हमले में 27 गार्ड मारे गए. यह हमला ईरान-पाकिस्तान की सीमा से लगे अस्थिर क्षेत्र ज़ाहेदान और खश शहरों के बीच हुआ. जहां सड़क पर हमले के बाद खून और मलबा ही दिखाई दे रहा था.
उस इलाके में आतंकवादी और ड्रग तस्कर सक्रिय रहते हैं. वहां दक्षिणपूर्वी क्षेत्र में सुरक्षा बल आतंकी हमलों का सामने कर रहे हैं. इन हमलों में बढ़ोत्तरी हो रही है. आईआरजीसी के गार्ड्स पर हुए हमले से वहां की सरकार सकते में है. क्योंकि IRGC ईरान का सबसे शक्तिशाली सुरक्षा बल है, जो सीधे देश के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खमेनी को रिपोर्ट करता है. हमले के बाद आईआरजीसी के कमांडर-इन-चीफ मोहम्मद अली जाफरी ने कहा कि इससे पहले ईरान अपना ‘बदला’ ले, पाकिस्तान को इस आतंकी संगठन के खिलाफ फौरन कार्रवाई करनी चाहिए. ईरानी मीडिया में छपे सरकारी बयानों के मुताबिक अगर पाकिस्तान जैश-अल-अदल को सजा देने में नाकाम रहा तो ईरान अंतरराष्ट्रीय कानून के आधार पर आतंकवादियों के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करेगा.
जैश-अल-अदल को ईरान, भारत और जापान ने आतंकवादी संगठन के रूप में सूचीबद्ध किया हुआ है. इस आतंकी संगठन ने अक्टूबर 2013 में पहला बड़ा हमला किया था. इसके बाद 26 अप्रैल, 2017 को पाकिस्तान-ईरान सीमा पर गश्त के दौरान एक बड़ा हमला हुआ था, जिसमें कम से कम 9 ईरानी बॉर्डर गार्ड मारे गए थे और दो अन्य घायल हो गए थे. उस हमले की जिम्मेदारी जैश-अल-अदल ने ही ली थी. इसके बाद ईरान ने पाकिस्तान में घुसकर जैश-अल-अदल के खिलाफ बड़ी सर्जिकल स्ट्राइक की थी.

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