पुणे : मराठा क्रांति महामोर्चा ने कहा है कि अगर सरकार ने उनकी मांगें पूरी नहीं कीं तो वे आने वाले विधानसभा चुनाव में अपने उम्मीदवार खड़े करेंगे। इतना ही नहीं, उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का बहिष्कार करने की घोषणा भी की है। हालांकि मराठा नेताओं के एक गुट ने यह मांग की है सामूहिक तौर पर इस पर कोई फैसला अभी तक नहीं लिया गया है। सरकार ने मराठाओं को आरक्षण देने की बात कही है, लेकिन नेताओं ने आठ मुख्य मांगों का ज्ञापन सरकार को सौंपा है। इन आठ सूत्रीय मांगों पर वे तत्काल फैसला चाहते हैं। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को भेजे गए पत्र में मराठा नेताओं की ओर से कहा गया है कि सरकार उनकी मांगों को संज्ञान लेने में असफल रही है। वे बीजेपी का बहिष्कार करेंगे।
संगठन के सदस्यों ने इसे लेकर महाराष्ट्र के पंढरपुर में एक बैठक की। बैठक के बाद यह पत्र मुख्यमंत्री को भेजा गया। पत्र में की गई मांगों में यह भी शामिल है कि मराठा आंदोलन के दौरान जिन प्रदर्शनकारियों के खिलाफ केस दर्ज किए गए हैं, उन्हें वापस लिया जाए। आरक्षण का लाभ तत्काल दिया जाए। इसके अलावा अन्य मांगें इस पत्र में शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने प्रदर्शनकारियों के ऊपर लगे केस पहले ही वापस लेने को कह दिया है। हालांकि मराठाओं का कहना है कि अभी इस पर कोई फैसला नहीं हुआ है।
मराठा क्रांति मोर्चा के समन्वयक विनोद पोखरकर ने कहा कि वे लोग तीन सत्ताधारी पार्टियों के उम्मीदवारों के खिलाफ अपने स्वतंत्र उम्मीदवार उतारेंगे। सरकार ने हमें आश्वासन दिया है, लेकिन हम चाहते हैं कि मांगों को लागू किया जाए। हालांकि मराठा आंदोलन से जुड़े दूसरे गुटों का कहना है कि वे ऐसा कुछ नहीं करने जा रहे हैं। मराठा क्रांति मोर्चा के कोऑर्डिनेशन कमिटी के लोगों का कहना है कि संयुक्त बैठक के बाद वे लोग इस पर कोई फैसला लेंगे।