मुंबई : चुनावी साल में राज्य की बीजेपी सरकार ने 19,784 करोड़ के राजस्व नुकसान का अंतरिम बजट पेश किया। वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने साल 2019-20 के अंतरिम बजट में लोकलुभावन योजनों की घोषणा करने की बजाय चल रही योजनाओं पर ध्यान दिया है। खासकर किसान, मजदूर, गरीब, युवक और महिलाओं पर ध्यान दिया है। शहरी मतदाताओं ध्यान खींचने के लिए वर्तमान में चल रही मेट्रो, सड़क, बिजली, मकान, पानी जैसी योजनाओं को पूरा करने के लिए रकम दी है। वित्त मंत्री ने साल 2019-20 वित्त वर्ष के लिए अनुमानित राजस्व वसूली 3 लाख 14 हजार 489 करोड़ रुपये बताया है, जबकि राजस्व खर्च 3 लाख 34 हजार 273 करोड़ रुपये होगा, यानी 19,784 करोड़ के राजस्व नुकसान का यह अंतरिम बजट है।
वित्त मंत्री ने कर्ज को भी दायरे में रखने का दावा किया। वर्तमान में राज्य पर 4 लाख 14 हजार 411 करोड़ रुपये का कर्ज है। राजस्व घाटा पूरा करने के लिए सरकार ने किसी तरह का नया कर नहीं लगाया है और न ही किसी कर के दर में बढ़ोतरी की है। बुधवार को वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने विधानसभा और वित्त राज्यमंत्री दीपक केसरकर ने विधान परिषद में साल 2019-20 का अंतरिम बजट पेश किया।
पूर्ण बजट आगामी मॉनसून सत्र में पेश किया जाएगा। बजट में वित्त मंत्री ने चुनावी वादों का पिटारा नहीं खोला है, क्योंकि इसी साल सितंबर-अक्टूबर में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। अनुमान लगाया जा रहा था कि लोकसभा चुनाव के कारण वित्त मंत्री मॉनसून सत्र में लोकलुभावन पूर्ण बजट पेश करेंगे। उस बजट में लॉलीपॉप योजनों की तिजोरी खोलेंगे। वित्त मंत्री ने अल्पसंख्यकों को खुश करने के लिए 465 करोड़ रुपये बजट में दिया है। महिलाओं और बच्चों के विकास के लिए 2,921 करोड़ दिया है।
किसानों की नाराजगी को दूर करने के लिए वित्त मंत्री ने बजट में कृषि, सिंचाई, ग्रामीण विकास, सड़क, बिजली, पानी और कृषि व्यवसाय पर अपना ध्यान केंद्रित किया है। किसानों के लिए चल रही वर्तमान योजनाओं को पूरा करने के लिए खूब रकम दी है। बजट में एक बार फिर वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने की सरकार ने प्रतिबद्धता दोहराई है। अंतरिम बजट में सूखाग्रस्त महाराष्ट्र के किसानों को राहत देने की कोशिश की गई है। सिंचाई के लिए 8,733 करोड़ के नियत व्यय को मंजूरी दी है।
विदर्भ और मराठवाडा के आत्महत्या प्रभावित जिलों के लिए खास प्रावधान किए गए हैं। कृषि विभाग की विभिन्न योजनाओं के लिए 3,498 करोड़ रुपये खर्च की मंजूरी दी गई है। रोजगार गारंटी योजना के लिए 5,189 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। राज्य में कृषि पंप कनेक्शन के लिए 900 करोड़ और 22 हजार गावों को सूखा मुक्त करने के लिए चल रही जलयुक्त शिवार योजना को इस साल 1,500 करोड़ रुपये देने का प्रावधान किया है। मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के लिए भी 2,164 करोड़ का मंजूर किए हैं।
उम्मीद से ज्यादा कमाई
देश में जीएसटी 2017-18 में लागू किया गया। उस वक्त कहा गया कि जीएसटी से राज्य को नुकसान होगा, लेकिन हुआ इसके विपरीत। वित्त मंत्री मुनगंटीवार ने कहा कि जीएसटी से साल 2018-19 में 90,140 करोड़ रुपये मिलने का अनुमान था, लेकिन मिल रहा है एक लाख 15 हजार 872 करोड़ रुपये। आने वाले वर्ष में जीएसटी से और भी कमाई होगी।
शहरी मतदाताओं के लिए मेट्रो
मुंबई में मेट्रो रेल, कोस्टल रोड, ट्रांस हार्बर, ससून डॉक के विकास, मुंबई में जेट्टी जैसी अन्य योजनाओं का जिक्र अपने संबोधन में वित्त मंत्री ने किया। उन्होंने कहा कि महज मुंबई उपनगर में सन 2014 तक मेट्रो सिर्फ 11.4 किलोमीटर थी, जबकि इस सरकार में 276 किलोमीटर मेट्रो का काम चल रहा है। मेट्रो का जाल मुंबई, कल्याण, नवी मुंबई से आगे, नागपुर, पुणे तक जा पहुंचा है। मुंबई की उपनगरीय सेवाओं के लिए एमयूपीटी-3 के तहत 55,000 करोड़ रुपये परियोजना की बात कही।
नागपुर-मुंबई समृद्धि महामार्ग के लिए 700 किमी तक भूमि अधिग्रहण का दावा किया गया। शहरी भागों के मतदाताओं को लुभाने के लिए मेट्रो, स्मार्ट सिटी, हॉस्पिटल , हवाई अड्डे और राजमार्गों को बेहतर बनाने पर फोकस है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रॉजेक्ट स्मार्ट सिटी के लिए 2,400 करोड़ बजट में आवंटित किया है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत शहरी भागों में गृह निर्माण के लिए 6,895 करोड़ रुपये, ऊर्जा विभाग में आधारभूत सुविधा बढ़ाने के लिए 6,306 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।