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कोर्ट के आदेश के बाद भी, गिरफ्तारी नहीं करती पुलिस.!

मुंबई :  दक्षिण मुंबई में गायों को काटकर बेचने का सिलसिला बेख़ौफ़ चल रहा है और गायों को काटने वाले कसाइयों से रिश्वत लेकर खाकीवाला ही मददगार बना है। ऐसा हम नहीं कह रहे हैं बल्कि उक्त आरोप बजरंगदल के कार्यकर्ता और ऐनिमल वेल्फ़ेर अधिकारी डॉ. विनोद कोठरी ने लगाया है .
गौरतलब है कि अग्रिपाड़ा,नागपाड़ा पुलिस थाने के अंतर्गत दो दर्जन से भी अधिक कसाई क़ानून को ताख पर रखकर गायों को काटकर गौमांस बेचने का काम करते है. कई बार शिकायत करने के बावजूद इन कसाइयों के ख़िलाफ़ पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. इतना ही नहीं बल्कि अदालत का दरवाज़ा खटखटाने पर दर्जनो कसाइयों के ख़िलाफ़ आपराधिक मामला दर्ज तो किया गया लेकिन उनको गिरफ़्तार करने से पुलिस अधिकारी ही कतराते है. ऐसी जानकारी देते हुये विनोद कोठरी ने यह भी बताया कि अदालती आदेश के बाद ३ जुलाई2018 को नागपाड़ा पुलिस थाने में एफआइआर क्रमांक5 /18 के अंतर्गत 57 कसाइयों के ख़िलाफ़ आपराधिक मामला दर्ज किया गया लेकिन उनमें से दो दर्जन से अधिक कसाइयों को आज तक गिरफ़्तार नहीं किया गया है. इसी प्रकार से अग्रिपाडा पुलिस थाने के अंतर्गत भी खुलेआम गायों को काटकर गौमांस बेचने का काम हो रहा है. कई बार शिकायत करने के बावजूद पुलिस उन कसाइयों के ख़िलाफ़ मामला नहीं दर्ज कर रही थी. इस मामले पर भी अदालती आदेश के बावजूद हाई गत 13 मार्च को एफ़आइआर क्रमांक 2/19 के अंतर्गत 15 कसाइयों के ख़िलाफ़ आपराधिक मामला दर्ज किया गया. इस मामले में भी एक दो को गिरफ़्तार कर पुलिस मामले को रफ़ादफ़ा करने की कोशिश में है.
विनोद कोठारी ने यह भी आरोप लगाया कि नागपाड़ा और अग्रिपाड़ा पुलिस को प्रति माह इन कसाइयों से लाखों रुपए का हफ़्ता मिलता है। इसलिये पुलिस उनको गिरफ़्तार करने की बजाय गौ-हत्या करने में मदद करती है.
विनोद कोठरी के अनुसार पुलिस उपायुक्त ज़ोन 3 के अंतर्गत आने वाले डोंगरी,नागपाडा,अग्रिपाडा पुलिस थानों के तहत गौ-हत्या और गौ-माँस बेचने का धंधा धड़ल्ले से चल रहा है और पुलिस तमाशबीनों की तरह मौन है.

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