महाराष्ट्र: महाराष्ट्र के औरंगाबाद में शहर के बाहरी इलाके में स्थित एक ड्रेनेज चेंबर में उतरे दो किसानों की दम घुटने से मौत हो गई। मौके पर पहुंचे फायर ब्रिगेड के कर्मचारियों ने चार किसानों को बचा लिया जबकि एक किसान का अब तक पता नहीं चल पाया है। साझे में खेती करने वाले इन किसानों ने फसलों की सिंचाई के लिए ड्रेनेज चेंबर में इलेक्ट्रिक मोटर लगाया था। जानकारी के मुताबिक, किसान जनार्दन साबले (55) इलेक्ट्रिक मोटर में आई खराबी को चेक करने के लिए सबसे पहले ड्रेनेज चेंबर में उतरे। जब काफी देर तक जर्नादन चेंबर से बाहर नहीं निकले तो बाहर खड़े उनके रिश्तेदारों ने उन्हें आवाज दिया। कोई जवाब न पाकर छह अन्य किसान रामकिशन माने (47), उमेश कावड़े (40), दिनेश दाराके (37), नवनाथ कावड़े (40), प्रकाश वाघमारे (55) और रमेश्वर दांबे (27) जनार्दन को ढूंढने के लिए चेंबर में उतरे। थोड़ी ही देर के बाद चेंबर में मौजूद जहरीली गैस की वजह से सभी किसानों को सांस लेने में दिक्कत महसूस होने लगी।
किसानों की हालत देखकर चेंबर के बाहर खड़े गांववालों ने तुरंत फायर ब्रिगेड को सूचना दी। मौके पर पहुंचे फायर ब्रिगेडकर्मियों ने बेहोशी की हालत में सभी किसानों को चेंबर से बाहर निकाला। हालांकि एक किसान रमेश्वर दांबे का अब तक कोई सुराग नहीं लग पाया है। उनकी तलाश जारी है। जनार्दन साबले और दिनेश दाराके की हालत ज्यादा गंभीर देखते हुए उन्हें गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल ले जाया गया जहां उन्हें मृत लाया घोषित कर दिया गया। अन्य किसानों का प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है।
फायर ब्रिगेड के अफसर मोहन मुंगसे ने बताया कि वे लोग ड्रेनेज की पाइप तोड़ने का प्रयास कर रहे हैं, शायद वहां लापता किसान फंसा हुआ हो। पीड़ित एक किसान के पुत्र ने बताया कि साझे में खेती करने वाले ये किसान अक्सर इलेक्ट्रिक मोटर चेक करने के लिए ड्रेनेज चेंबर में उतरते रहे हैं। इससे पहले यहां कभी इस तरह का हादसा नहीं हुआ।