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कुर्ला स्टेशन मामले के बाद नींबू पानी बेचने वालों पर नजर

मुंबई :  पिछले दिनों कुर्ला स्टेशन पर गंदे तरीके से नींबू पानी बनाने का विडियो सामने आया था। इस मामले के बाद बीएमसी ऐक्शन मूड में है। जानकारी के मुताबिक, शहर के नींबू पानी, बर्फ के गोले और अन्य जूस बेचने वालों पर बीएमसी की नजर है। इस मामले में उनकी जांच के अलावा दुकानदारों के पास उपलब्ध बर्फ और पानी के सैंपल भी लिए जा रहे हैं। बता दें कि सफाई को नजरअंदाज करके बनाए गए पेय पदार्थ किसी को भी बीमार कर सकते हैं। बीएमसी से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वैसे तो गर्मी आते ही हम बर्फ और पानी के सैंपल लेना शुरू कर देते हैं, लेकिन हाल के मामले को देखते हुए हमने संबंधित लोगों को जूस की दुकान चलाने वालों के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं।

बीएमसी स्वास्थ्य विभाग की कार्यकारी अधिकारी डॉ. पद्मजा केसकर ने कहा कि इसके लिए सभी वॉर्ड के सदस्यों को आदेश दिया गया है। शरबत बनाने की विधि से लेकर उसमें क्या-क्या मिलाया जा रहा है और कैसे बनाया जा रहा है, इस पर भी नजर रखने को कहा गया है। अक्सर जूस वेंडरों द्वारा दूषित बर्फ और पानी का इस्तेमाल किया जाता है, ऐसे में कर्मचारियों को बर्फ और पानी का सैंपल लेने को कहा गया है।

95 प्रतिशत नमूने फेल: केईएम अस्पताल  के पूर्व डीन और वरिष्ठ पेट रोग विशेषज्ञ डॉ. अविनाश सुपे ने कहा कि गर्मियों में सड़क किनारे मिलने वाले बर्फ के गोले, शरबत, गन्ने के जूस इत्यादि का लोग खूब सेवन करते हैं, लेकिन जिस तरीके से इन्हें तैयार किया जाता है, उस पर कोई ध्यान नहीं देता। पिछले साल शरबत, गोले इत्यादि में इस्तेमाल 95 प्रतिशत बर्फ के सैंपल फेल पाए गए थे। इनमें बड़ी मात्रा में ई-कोलॉय बैक्टीरिया पाया गया था, जिससे सीने में संक्रमण, डायरिया, उल्टी, पेट में दर्द इत्यादि की गंभीर समस्या हो सकती है।

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