Monday, November 25metrodinanktvnews@gmail.com, metrodinank@gmail.com

हत्या जैसे जघन्य अपराधों में गिरफ्तारी से बचने के लिए हत्यारेकी सबूत मिटाने कोशिश

मुंबई : हत्या जैसे जघन्य अपराधों में गिरफ्तारी से बचने के लिए हत्यारे अक्सर सबूत मिटाने की कोशिश करते हैं। इसके लिए लाश को गुम करने या मृतक का चेहरा बिगाड़ कर उसकी पहचान को छिपाने का प्रयास किया जाता है लेकिन अब ऐसे मामलों में हत्यारों का बचना आसान नहीं होगा। नई तकनीकों से मृतक का कृत्रिम चेहरा उनकी पहचान उजागर कर देगा और यह हत्यारों को दबोचने में पुलिस के लिए मददगार सिद्ध होगा। नवघर पुलिस की हद में मिली एक लावारिस लाश के मामले में केईएम अस्पताल के डॉक्टरों की मदद से पुलिस कुछ ऐसी ही तरकीब अपना रही है।
बता दें कि २७ जनवरी को मुलुंड में ईस्टर्न एक्सप्रेस हाइवे के पास पुलिस को एक लावारिस लाश मिली थी। किसी भारी वस्तु से कूच कर तथा बाद में जलाकर मृतक का चेहरा बुरी तरह बिगाड़ दिया गया था। हत्यारे नहीं चाहते थे कि मृतक की पहचान सामने आए। उक्त मृतक की शिनाख्त के लिए मामले की जांच कर रही नवघर पुलिस ने पहले पारंपरिक तरीके आजमाए। पुलिस ने मुंबई और आसपास के सभी पुलिस थानों को इस लाश के बारे में सूचना दी तथा तमाम थानों में दर्ज गुमशुदा व्यक्तियों के रिकॉर्ड को भी खंगाला लेकिन कोई सुराग पुलिस के हाथ नहीं लगा। अंतत: नवघर पुलिस ने केईएम अस्पताल के फॉरेन्सिक विशेषज्ञों से मृतक की पहचान के लिए मदद मांगी। डॉ. हरीश पाठक की अगुवाई में केईएम अस्पताल की फॉरेन्सिक टीम ने मृतक के चेहरे को री-कंस्ट्रक्ट करने के लिए सुपर इंपोजिशन टेक्नोलॉजी का सहारा लिया। एडवांस टेक्नोलॉजी की मदद से फॉरेन्सिक टीम ने चेहरा री-कंस्ट्रक्ट करके भेजा है। इसके लिए जबड़े और हड्डियों की पैमाइश, ठुड्डी की बनावट, नाक की जगह और त्वचा के विश्लेषण का सहारा लिया गया। अब इस कृत्रिम चेहरे की तस्वीर मुंबई और आसपास के क्षेत्रों के सभी पुलिस स्टेशनों सहित राज्य पुलिस के मुख्य कंट्रोल को भेजी गई है। पुलिस को उम्मीद है कि इस कृत्रिम चेहरे से जल्द ही मृतक की शिनाख्त हो जाएगी और पुलिस हत्यारे तथा हत्या की वजह ढूंढ़ने में सफल होगी। गौरतलब हो कि बीते साल दिसंबर में भी फॉरेन्सिक एक्सपर्ट्स ने ठाणे पुलिस को एक मर्डर केस की गुत्थी सुलझाने में मदद की थी।

Spread the love