सोलापुर : कांग्रेस नेता सुशील कुमार शिंदे और वंचित बहुजन आघाडी (वीबीए) नेता प्रकाश आंबेडकर के बीच शनिवार सुबह अचानक हुई मुलाकात के कई राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं। प्रचार अभियान में एक-दूसरे पर हमलावर दोनों नेता सोलापुर के एक होटल सर्वोदय में कुछ देर के लिए नाश्ता करते और चाय की चुस्की लेते एकसाथ दिखे। प्रकाश आंबेडकर के साथ स्थानीय नेता आनंद चंदनशिवे और बाला वाघमारे थे जबकि सुशील कुमार शिंदे पूर्व लोकसभा अध्यक्ष शिवराज पाटिल से मुलाकात करने होटल गए थे। प्रकाश आंबेडकर और अन्य को देखकर, शिंदे ने उनका गर्मजोशी से अभिवादन किया और चुनाव के लिए उन्हें शुभकामनाएं दी। ऐसी ही प्रतिक्रिया आंबेडकर ने भी दी।
दोनों नेताओं की इस मुलाकात की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई, जिसके बाद वीबीए और कांग्रेस नेताओं को राजनीतिक गलियारों और सोशल मीडिया पर कयासों की लपटों को बुझाने की कोशिश करनी पड़ी। कांग्रेस के एक नेता ने कहा, ‘ऐसा कभी-कभी होता है, कुछ भी पूर्वनियोजित नहीं था और दोनों नेताओं ने सामान्य शिष्टाचार का आदान-प्रदान किया।’
वीबीए-एआईएमआईए गठबंधन के उपाध्यक्ष विजय मोरे ने कहा, ‘वे राजनीतिक दुश्मन नहीं है, बस एक प्रतिद्वंद्वी हैं तो इसमें क्या गलत है कि वे मिले और चाय पी। बीजेपी के खिलाफ हमारी राजनीतिक लड़ाई काफी गंभीर है।’ बाद में वीबीए-एआईएमआईएम ने सोशल मीडिया पर एक आधिकारिक संदेश जारी कर कहा, ‘आंबेडकर-शिंदे के बीच बैठक अचानक हुई, भीम सैनिकों को इस बारे में गलत अंदाजा नहीं लगाना चाहिए।’