मुंबई : बॉम्बे हाई कोर्ट ने फायर ब्रिगेड के अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) के बिना के चलने वाले निजी अस्पतालों और नर्सिंग होम को लेकर गुरुवार को महत्वपूर्ण निर्देश दिया है। हाईकोर्ट ने ठाणे महानगर पालिका (टीएमसी) को निर्देश दिया कि वह फायर ब्रिगेड से एनओसी लिए बिना चल रहे सभी निजी अस्पतालों और नर्सिंग को सील करे। आरटीआई कार्यकर्ता सपन श्रीवास्तव ने हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी। इस पर मुख्य न्यायाधीश प्रदीप नंदराजोग और न्यायमूर्ति एन.एम जामदार की खंडपीठ में सुनवाई हुई। खंडपीठ ने कहा कि यदि अग्नि सुरक्षा मानदंडों का पालन करने के लिए टीएमसी और फायर ब्रिगेड ने अस्पतालों को नोटिस दिया और इसके बाद भी अस्पतालों पर कुछ असर नहीं पड़ा, तो इस तरह की स्वास्थ्य सुविधाओं को बंद करना ही बेहतर है।
याचिका के मुताबिक, इस साल की शुरुआत में ठाणे फायर ब्रिगेड के एक सर्वेक्षण से खुलासा हुआ कि ठाणे में 50 प्रतिशत से अधिक निजी अस्पताल और नर्सिंग होम में आग की घटनाओं से निपटने की तैयारी नहीं है।
टीएमसी की तरफ से वकील अरविंद अश्वनी ने हाई कोर्ट में एक हलफनामे में कहा है कि पिछले साल टीएमसी के स्वास्थ्य विभाग ने 380 से अधिक अस्पतालों के पंजीकरण का नवीनीकरण किया। इनमें से केवल 181 अस्पतालों को ही फायर ब्रिगेड ने एनओसी जारी की है। पिछले साल दिसंबर में मुंबई के ईएसआईसी अस्पताल में आग लगने से 11 लोगों की मौत के बाद ठाणे फायर ब्रिगेड ने शहर के सभी निजी अस्पतालों में सुरक्षा ऑडिट शुरू किया था।
हाईकोर्ट ने कहा, ‘टीएमसी के पास पहले से ही उन सभी अस्पतालों और नर्सिंग होमों के रेकॉर्ड हैं, जो अग्नि सुरक्षा मानदंडों का उल्लंघन कर रहे हैं। इसीलिए टीएमसी ऐसे अस्पतालों को सील करे, जिनके पास एनओसी नहीं है।’