मुंबई : शरद पवार ग्रेट इंसान हैं। उन्होंने सूखे के बारे में जो सुझाव दिए हैं, उन पर अमल किया जाएगा, लेकिन सरकार चाहती है कि शरद पवार सूखे पर राजनीति न करें। यह कहना है राज्य के राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटील का। पाटील ने कहा कि सरकार ने अक्टूबर 2018 से ही सूखे से निपटने के लिए कदम उठाने शुरू कर दिए हैं और सूखे का मुकाबला सबको मिलकर करने की जरूरत है।
पाटील ने कहा कि पिछले साल जून-जुलाई में अच्छी बारिश हुई थी, इसलिए उम्मीद थी कि फसल अच्छी होगी, लेकिन अचानक स्थिति बदल गई। इसके बाद राज्य में सूखे के हालात को देखते हुए अब तक की सबसे बड़ी मदद केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र को दी है। पाटील ने कहा कि हमने केंद्र की आर्थिक मदद का इंतजार किए बिना अपनी तरफ से किसानों को मदद देना शुरू कर दिया था। हमने राज्य में टैंकर आपूर्ति की प्रणाली बदली और 24 घंटे में पानी देने का नियोजन किया। हमारे पास जून के आखिर तक के चारे का स्टॉक उपलब्ध है। चंद्रकांत पाटील ने कहा कि पवार के कार्यकाल में प्रति जानवर 40 रुपये दिए जाते थे, अब हम 95 रुपये दे रहे हैं।
बता दें कि शनिवार को राकांपा पदाधिकारियों की बैठक में शरद पवार ने राज्य में सूखे की समीक्षा के बाद राज्य सरकार पर सूखे से निपटने में विफल रहने का आरोप लगाया था। इस बारे में उन्होंने मुख्यमंत्री को एक चिट्ठी भी लिखी है और कहा कि सूखाग्रस्त इलाकों के उनके दौरे के बाद ही राज्य सरकार नींद से जागी है। इसके बाद रविवार को चंद्रकांत पाटील ने शरद पवार के आरोपों पर जवाब दिया।