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कैंसर पीड़ितों के नाम से हो रही हैं रेलवे टिकटों की बुकिंग

मुंबई : छुट्टियों में रेलवे का टिकट पाने के लिए लोग कोई भी तरकीब लगाने से पीछे नहीं हट रहे। अब भीड़ वाली ट्रेनों में आरक्षित टिकट पाने के लिए कैंसर पीड़ित के कोटे का दुरुपयोग हो रहा है। पश्चिम रेलवे के सतर्कता विभाग की टीम ने एक ऐसे ही रैकिट का पर्दाफाश किया है। 4 मई को जबलपुर स्टेशन पर एक व्यक्ति को यात्रा के बीच में ट्रेन से उतारा गया। सूरज पांडेय नाम का यह व्यक्ति कैंसर पेशेंट के जाली फॉर्म पर यात्रा कर रहा था।

पश्चिम रेलवे के सतर्कता विभाग ने सौरभ मसेकर और मनोज यादव की अगुवाई में एक टीम बनाई थी। इस टीम को टिप मिली थी कि मुंबई डिविजन में कैंसर पेशेंट कोटे का दुरुपयोग हो रहा है। कुछ लोग जाली प्रमाण-पत्र के जरिए यात्रा कर रहे हैं। टीम के एक सदस्य ने बताया कि दादर पैसेंजर रिजर्वेशन सिस्टम पर सबसे ज्यादा कैंसर पेशेंट कोटे की रिक्वेस्ट आती हैं। यहां से कैंसर के अस्पताल नजदीक होने के कारण ऐसा होता है। यहां से कोटे के लिए प्राप्त कागजात की छानबीन करने पर कुछ डॉ. एम.डी. अग्रवाल (रक्त रोग विशेषज्ञ) के नाम के फॉर्म बार-बार सामने आ रहे थे। जब संबंधित डॉ. अग्रवाल से इन सर्टिफिकेट की जांच की गई, तो पाया गया कि ये फेक हैं।

इसी फेक सर्टिफिकेट के आधार पर सूरज कुमार पांडेय ने सीएसएमटी से बनारस के लिए 2एसी में कैंसर पेशेंट कोटे से टिकट बुक कराई थी। 4 मई को जब उनकी ट्रेन जबलपुर पहुंची, तो टीटीई ने उससे कैंसर सत्यापित करने के कागजात मांगे, जिसे दिखाने में वो नाकाम रहा। सूरज ने 2350 रुपये की टिकट 1205 रुपये में बुक करा ली, साथ ही एक अटेंडेंट यात्री की भी कन्फर्म टिकट बुक हो गई। पांडेय से आगे की पूछताछ जारी है।

सतर्कता विभाग की टीम दादर पीआरएस पर लगे सीसीटीवी कैमरा की जांच करने लगी। इस दौरान उन्हें एक संदिग्ध व्यक्ति हाथ में फॉर्म लेकर घूमता हुआ नजर आया। छापामारी के दिन आरोपी को घेरा गया, तो शक के चलते वह फॉर्म वहीं छोड़कर भाग गया। एक अधिकारी ने बताया कि कुल 74 जाली सर्टिफ‌िकेट मिले हैं। आरोपी की तलाश जारी है। इस केस में आईपीसी की धाराओं के अंतर्गत मामला दर्ज कराया जाएगा। टीम ने बताजा कि सभी सर्टिफिकेट पर डॉ.एम.डी.अग्रवाल के हस्ताक्षर और स्टैम्प थीं। एनबीटी द्वारा डॉ. अग्रवाल से संपर्क किया गया, लेकिन बात नहीं हो सकी। रेलवे को डॉ. अग्रवाल ने बताया है कि उनके द्वारा इस तरह के कोई भी सर्टिफिकेट जारी नहीं किए गए हैं।

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