हाल ही में इंडोनेशिया में हुए चुनावों के बाद दंगे भड़क गए, जिसमें कम से कम छह लोगों के मारे जाने की ख़बर है. इन चुनावों में जोको विडोडो राष्ट्रपति पद पर विजयी हुई हैं. इंडोनेशियाई पुलिस ने कहा है इन मौतों की जांच की जा रही है. पुलिस मुखिया ने कहा है कि लोगें को ये नहीं मानना चाहिए कि इन सब की ज़िम्मेदार पुलिस है. अफ़वाहों पर रोक लगाने के लिए कुछ इलाकों में सोशल मीडिया पर रोक लगा दी गई हैं. देश के पुलिस प्रमुख टीटो ने पुलिस द्वारा फ़ायर किए जाने की बात से इनकार किया है. मंगलवार की रात राजधानी जकार्ता में छह लोग मारे गए थे. पुलिस प्रमुख ने कहा कि कुछ लोगों के शरीर पर गोली के निशान पाए गए हैं और कुछ के शरीर पर धारदार हथियार के घाव हैं. प्रशासन ने कहा है कि प्रदर्शन स्वतःस्फूर्त नहीं बल्कि पूर्व नियोजित था. उसके अनुसार, हिंसा के लिए कुछ ग्रुप ज़िम्मेदार हैं, जो अशांति फैलाना चाहते थे.
पुलिस प्रवक्ता मोहम्मद इक़बाल ने कहा, “अधिकांश प्रदर्शनकारी राजधानी जकार्ता के बाहर से आए थे.” बुधवार को भी प्रदर्शनकारी इकट्ठा हो रहे हैं. इस बीच राष्ट्रपति वीडोडो ने दंगाईयों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई करने की बात कही है. जैसे ही चुनावी नतीजों में विडोडो की जीत की ख़बर आने लगी, प्रदर्शन शुरू हो गए. मंगलवार को राजधानी जकार्ता में शांतिपूर्ण प्रदर्शन हो रहा था. लेकिन जल्द ही ये प्रदर्शन हिंसक हो गया. प्रदर्शनकारियों ने कारों में आग लगा दी और पुलिस पर पटाखों से हमला किया. देश के चुनाव आयोग के अनुसार विडोडो को 55.5 प्रतिशत वोट मिले. प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार प्राबोवो इन नतीजों को धोखाधड़ी बताते हुए ख़ारिज़ कर दिया. पूर्व जनरल प्राबोवो पिछली बार 2014 में हुए चुनावों में भी विडोडो से हार गए थे और उस समय भी उन्होंने नतीजों को ख़ारिज़ कर दिया था. बीते 17 अप्रैल को हुए चुनावों के समय देश में 19.2 करोड़ मतदाता थे. मंगलवार को जैसे ही नतीजों की घोषणा हुई, हज़ारों लोग विडोडो के समर्थन में चुनाव आयोग के दफ़्तर के सामने इकट्ठा होने लगे लेकिन पुलिस की अपील पर जल्द ही लोग बिखर गए. बीबीसी इंडोनेशियन के मुताबिक़, पुलिस की अपील पर ये भीड़ जकार्ता के अन्य हिस्सों में चली गई. स्थानीय टीवी चैनलों में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प की ख़बरें आईं हैं. संभावित हिंसा से निपटने के लिए राजधानी जकार्ता में 30,000 सैनिक तैनात किए गए हैं.