मुंबई : दुनिया में सबसे सस्ती परिवहन व्यवस्था शायद मुंबई में ही है। इसमें भी मुंबई लोकल तो सबसे सस्ती है। इसलिए सैरसपाटे के लिए आने वाले पर्यटकों की पहली पसंद मुंबई लोकल होती है। इसका एक प्रमाण यह भी है कि पश्चिम रेलवे ने अप्रैल 2018 से मार्च 2019 तक 4.69 करोड़ रुपये के टूरिस्ट टिकट बेचे हैं। टूरिस्ट टिकट का मतलब है 1 दिन, 3 दिन या 5 दिन का वह टिकट, जिसे एक बार खरीदने पर मुंबई उपनगरीय रूट पर कहीं भी उतने दिनों के लिए घूमा जा सकता है।
पश्चिम रेलवे से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, एक दिन में औसतन 356 फर्स्ट क्लास टूरिस्ट टिकटों की बिक्री होती है, जबकि रोजाना औसतन 223 टिकट सेकंड क्लास के बिकते हैं। आमतौर पर मुंबई की उपनगरीय ट्रेनों में क्षमता से कहीं ज्यादा भीड़ होती है। ऐसे में बाहर से सैरसपाटे के लिए आने वालों की पहली पसंद फर्स्ट क्लास होती है, जहां अपेक्षाकृत कम भीड़ होती है। फर्स्ट क्लास की टिकट भी शहर में मौजूद अन्य ट्रांसपोर्ट के माध्यम के मुकाबले बहुत ही सस्ती होती है।
टूरिस्ट टिकटों की बिक्री देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि अगस्त से जनवरी तक यह शहर पर्यटकों के घूमने के लिए अनुकूल है। इनमें भी दिसंबर का महीना लोगों को खासा पसंद आता है। सालभर में औसतन 579 टिकट रोजाना बिकते हैं, जबकि दिसंबर महीने में औसतन 697 टूरिस्ट टिकटों की बिक्री रोजाना होती है। पश्चिम रेलवे ने पिछले साल दिसंबर में कुल 21,621 टूरिस्ट टिकट बेचे। इनमें से 13,898 फर्स्ट क्लास और 7,723 सेकंड क्लास के टिकट थे।
बारिश के दौरान मुंबई खबरों में रहती है। आमतौर पर लोकल ट्रेनें भी थम जाती हैं, इसलिए इस दौरान टूरिस्ट टिकटों की बिक्री कम हो जाती है। अप्रैल से जुलाई तक रोजाना औसतन 521 टूरिस्ट टिकटें बिकती हैं। आमतौर पर यह आंकड़ा 579 टिकटों का है। जुलाई में तो यह आंकड़ा 477 टिकट तक पहुंच जाता है। इसका मतलब है पर्यटक जुलाई में मुंबई भ्रमण टालते हैं।