मुंबई : अंडरवर्ल्ड डॉन रवि पुजारी को इसी वर्ष यानी 2019 में 21 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था। उसे पिछले हफ्ते स्थानीय अदालत के द्वारा जमानत दे दी गई, जिसके बाद वह पश्चिमी अफ्रीकी देश सेनेगल से भाग निकला। हालांकि, इस बात की अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। कर्नाटक पुलिस के सूत्रों का कहना है कि ऐसी जानकारी है कि पुजारी सड़क मार्ग से किसी दूसरे देश भाग निकला है लेकिन उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि इस बात सेनेगलीज सरकार से आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है। पुजारी को एक इंटरपोल रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया है, उस पर भारत में ही तकरीबन 200 मामले चल रहे हैं। इनमें फिरौती और हत्या के केस भी शामिल हैं। यही नहीं, उस पर बॉलिवुड और सैंडलवुड अभिनेताओं के साथ-साथ चर्चित उद्यमियों को धमकी देने का भी आरोप है। सूत्रों का कहना है कि वह फर्जी नाम ऐंथनी फर्नांडीज के साथ रह रहा था और उसने बुर्किना फासो (पश्चिम अफ्रीका का एक देश) नागरिक होने का दावा भी किया।
फर्जी ठगी के मामले में हुआ था केस
भारत ने डॉन को अपनी हिरासत में लेने की तमाम तरह के प्रबंध किए थे लेकिन पुजारी पर शक है कि उसने सेनेगल में फर्जी ठगी के मामले में खुद पर केस दर्ज करा लिया ताकि उसे सेनेगल से निकाला न जाए। दरअसल, नियम के मुताबिक यदि कोई वांछित व्यक्ति विदेश में किसी अपराध को लेकर गिरफ्तार किया गया है तो उसे डिपोर्ट करने से पहले वहां पर मुकदमे का सामना करना होगा।
अदालत के प्रतिबंध के बावजूद पुजारी फरार?
सेनेगल कोर्ट ने पिछले हफ्ते पुजारी को जमानत दे दी। इसके साथ ही कोर्ट ने यह शर्त भी रखी कि वह तब तक देश नहीं छोड़ सकता है जब मामले का पूरी तरह से निपटारा नहीं हो जाता है। जमानत देने के निर्णय के बाद भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की चिंताएं बढ़ गई हैं। उन्हें इस बात का डर था कि जिस तरह से अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन वर्ष 2000 में बैंकॉक भाग निकला था, उसी तर्ज पर पुजारी सेनेगल छोड़कर भाग जाएगा। यह डर कहीं न कहीं सच साबित होता नजर आ रहा है।
‘…इसलिए आसान है भाग निकलना’
एक सूत्र ने कहा, ‘सेनेगल छोटे-छोटे देशों जैसे कि बुर्किना फासो, माली और आइवरी कोस्ट से घिरा हुआ है और ऐसे में पुजारी जैसे अपराधी का भाग निकलना बहुत आसान हो जाता है।’ मुंबई पुलिस ने कहा है कि दो अधिकारियों की एक टीम दिल्ली से सेनेगल के लिए रवाना हुई है। पुजारी का पता सेनेगल से भारतीय खुफिया एजेंसियों, कर्नाटक पुलिस, गुजरात एटीएस और अफ्रीकन अधिकारियों से जुड़े एक ऑपरेशन में चला था।