केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने अपने कार्यकाल में तीन तलाक के मुद्दे को जोर शोर से उठाया है और इसे लेकर नया कानून भी बनाया है. अब इसी कानून के तहत पहली बड़ी कार्रवाई हुई है. उत्तर प्रदेश के आगरा में अपनी पत्नी को तीन तलाक देने वाले जिक्रू रहमान को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. रहमान की पत्नी तरन्नुम ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मामले की शिकायत की थी. सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक को गैर कानूनी बताया था.
तीन तलाक कानून के तहत हुई ये पहली गिरफ्तारी है. तरन्नुम द्वारा की गई शिकायत के अनुसार, पांच साल पहले दोनों की शादी हुई थी, दोनों के तीन बच्चे भी हैं. लेकिन लगातार रहमान अपनी पत्नी को टॉर्चर कर रहा था. अब पिछले हफ्ते ही रहमान ने अपनी पत्नी को तलाक दे दिया. इतना ही नहीं, रहमान ने एक युवती से शादी कर ली, जिसे वह मदरसे में पढ़ाया करता था. महिला का दावा है कि तलाक के बाद उसे घर से निकाल दिया गया.
इसी के बाद उन्होंने अपनी गुहार मुख्यमंत्री से लगाई और मुख्यमंत्री के कार्यालय ने इस पर तुरंत कार्रवाई की. पहले मामले की पुष्टि की गई और स्थानीय पुलिस को इस मसले पर एक्शन लेने को कहा गया. जैसे ही मामले की पुष्टि हुई तो मालपुरा पुलिस ने मुस्लिम मैरिज प्रोटेक्शन एक्ट के तहत जिक्रू रहमान को गिरफ्तार कर लिया.
CMO के द्वारा त्वरित कार्रवाई पर तरन्नुम बेगम ने इंडिया टुडे से बताया कि मुझे उम्मीद थी कि मुख्यमंत्री की ओर से सही एक्शन लिया जाएगा. वहीं इस तरह के मामले उठाने वाले आमिर कुरैशी ने भी योगी सरकार के एक्शन की तारीफ की, उन्होंने कहा कि पुलिस ने जिस तरह से मामले को संभाला है वह बढ़िया कदम है. नया कानून उन मुस्लिम पुरुषों को सबक सिखाएगा, जो इस तरह अपनी पत्नियों को धोखा देते हैं.
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी हर सभा में तीन तलाक से मुद्दा उठाते रहे हैं. भारतीय जनता पार्टी की ओर से हर बार कहा गया है कि ये मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों को दबाने वाली प्रथा है, जिसे खत्म कर देना चाहिए. सरकार की ओर से इस पर अभी अध्यादेश जारी किया गया है, बिल को लोकसभा में भी पेश किया गया था. लेकिन राज्यसभा में बिल पास नहीं हो पाया था, कांग्रेस की ओर से कुछ बदलाव किए जाने की अपील की गई थी.
बता दें कि मोदी सरकार के अध्यादेश के मुताबिक, मुस्लिम महिलाओं को उनके पति की ओर से तीन ‘तलाक’ बोलकर तलाक देने पर पाबंदी लगाई गई है. इसके अंतर्गत तत्काल तीन तलाक को दंडनीय अपराध माना गया है, जिसके तहत जुर्माने के साथ 3 साल की सजा का प्रावधान है. यह अपराध तब संज्ञेय होगा जब विवाहित मुस्लिम महिला या फिर उसका करीबी रिश्तेदार उस व्यक्ति के खिलाफ सूचना देगा, जिसने तत्काल तीन तलाक दिया है.