मुंबई : बेस्ट परिवहन द्वारा संचालित बसों का किराया कम करने वाला प्रस्ताव फिलहाल लटक गया है। किराया कम करने से यात्री तो बढ़ेंगे, लेकिन बढ़े हुए यात्रियों के लिए उतनी बसें नहीं हैं। ऐसी स्थिति में बेस्ट प्रशासन की योजना स्पष्ट नहीं होने के कारण किराए कम करने के प्रस्ताव अस्थाई ब्रेक लगे हैं। शुक्रवार को बेस्ट समिति सदस्यों की बैठक के दौरान किराया कम करने के विषय में चर्चा हुई। इस दौरान बीजेपी और कांग्रेस के सदस्यों ने प्रस्ताव को अधूरा बताते हुए चर्चा टाल दी। दोनों पार्टियों की भूमिका स्पष्ट होने के बाद बेस्ट समिति के अध्यक्ष अनिल पाटणकर ने प्रशासन से प्रस्ताव पर पुनर्विचार करने के बाद दोबारा बैठक बुलाने का आदेश दिया है। शुक्रवार की बैठक के बाद स्पष्ट हो गया कि किराए में कमी लाने के लिए के लिए थोड़ा इंतजार करना होगा।
बेस्ट प्रशासन को कमजोर आर्थिक स्थिति से उबारने के लिए मुंबई महानगरपालिका ने मदद करने की पेशकश की है। बीएमसी की शर्त है कि तीन महीनों में बदलाव लाएं नहीं तो अनुदान पर पुनर्विचार किया जाएगा। बीएमसी की शर्तों के बाद बेस्ट ने पहले पांच किलोमीटर की यात्रा के लिए पांच रुपये और 15 किलोमीटर से ज्यादा दूरी की यात्रा के लिए 20 रुपये का प्रस्ताव तैयार किया है। यह प्रस्ताव शुक्रवार को हुई बैठक में समिति के सामने रखा गया। इस दौरान बीजेपी और कांग्रेस सदस्यों का कहना था कि किराया कम करने के लिए प्रशासन इतनी हड़बड़ी में क्यों है? बीजेपी नेता सुनील गणाचार्य ने कहा कि नए प्रस्ताव का विरोध नहीं है लेकिन यात्रियों की संख्या बढ़ने पर बेस्ट अतिरिक्त बसें कहां से लाएगी।
बेस्ट प्रशासन द्वारा दिए गए ब्लू प्रिंट में किराया कम कर यात्री संख्या 50 लाख तक पहुंचाने का अंदाज है। बेस्ट के पास अभी रोजाना 3,338 बसें हैं। ब्लू प्रिंट के अनुसार उन्हें 7 हजार बसों की जरूरत होगी। तीन महीनों में बसों की संख्या दोगुनी करना कैसे संभव होगा, प्रस्ताव में इसे स्पष्ट नहीं किया गया है। फिलहाल बेस्ट द्वारा 450 से ज्यादा बसों का ऑर्डर दिया गया है। सुनील गणाचार्य ने बीएमसी, बेस्ट और कामगार संगठनों के बीच हुए करार को पशे करने की मांग की। कांग्रेस की ओर से भूषण पाटील ने कहा कि बसों की संख्या का मुद्दा महत्वपूर्ण है। किराया कम करने के बाद सर्विस कितनी बढ़ानी होगी, इससे कमाई कितनी होगी इन सवालों का जवाब भी दिया जाए। पाटील के अनुसार यदि बसें भी बढ़ा दी गईं, तो नई बसों को ऑपरेट करने वाला स्टाफ कहां से आएगा? नया स्टाफ लेने पर बजट भी बढ़ जाएगा।
रेलवे की तर्ज पर महिलाओं के लिए अलग बस सुविधा शुरू करने की मांग समाजवादी पार्टी के नेता रईस शेख ने की है। शेख ने कहा कि महिलाओं का प्रवास सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से अलग बस सेवा शुरू की जानी चाहिए। गौरतलब है कि रेलवे और मेट्रो स्टेशन के पास से बेस्ट जल्द ही फीडर सेवाएं शुरू करने की योजना बना रही है। जिससे यात्रियों को फिर से आकर्षित किया जा सके। बेस्ट बसों की अनियमितता, अधिक किराए के चलते पिछले कुछ सालों में लाखों यात्री कम हो चुके हैं।