मुंबई : मुंबई की गोवंडी निवासी एक 26 वर्षीय महिला की शनिवार को संदिग्ध इन्फ्लूएंजा एच1एन1 से मौत हो गई। मॉनसून के इस सीजन की एच1एन1 से होने वाली यह पहली मौत है। स्वाइन फ्लू के नाम से प्रचलित एच1एन1 से इस साल मुंबई में चार और महाराष्ट्र में 191 लोगों की जान जा चुकी है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, गोवंडी की एक 26 वर्षीय महिला को अस्पताल में 8 जुलाई को भर्ती किया गया था, जहां रविवार को उसकी मौत हो गई। अस्पताल से जुड़े एक डॉक्टर ने बताया कि स्वाइन फ्लू के साथ मरीज को मधुमेह की भी शिकायत थी। बीएमसी स्वास्थ्य विभाग की कार्यकारी अधिकारी डॉ. पद्मजा केसकर ने कहा कि मरीज की मौत स्वाइन फ्लू से हुई है या नहीं, इसकी जांच ‘डेथ कमिटी’ की बैठक में की जाएगी। जल्द ही यह बैठक होगी।
शहर के चिकित्सकों का कहना है कि वे बुखार और सांस संक्रमण के कई मामलों का इलाज कर रहे हैं। दक्षिण मुंबई के एक डॉक्टर ने कहा कि डेंगू और मलेरिया के मामले भी सामने आ रहे हैं लेकिन इनकी संख्या अभी तक खतरनाक नहीं है। बीएमसी के कार्यकारी स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. पद्मजा केसकर ने कहा कि महिला की मृत्यु का कारण एच1एन1 या लेप्टोस्पायरोसिस हो सकता है।
बारिश के चलते सांसों में संक्रमण होने पर डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि न केवल संक्रमित लोग बल्कि स्वस्थ व्यक्तियों को भी टीकाकरण पर विचार करना चाहिए। इस साल एच1एन1 से हुई 188 मौतों के विश्लेषण से पता चला है कि कई मृतक उच्च रक्तचाप और मधुमेह जैसी बीमारियों से पीड़ित थे। हालांकि 188 लोगों में से 110 रोगियों या 58 फीसदी को कोई भी अन्य बीमारी नहीं थी।
संक्रमण रोग विशेषज्ञ डॉ. ओम श्रीवास्तव ने बताया कि हम दो साल पहले भी ऐसे ही निष्कर्ष निकाल चुके हैं। H1N1 पीड़ितों में से दो-तिहाई स्वस्थ व्यक्ति थे। यह हमें बताता है कि चाहे व्यक्ति को स्वास्थ्य समस्याएं हों या न हों लेकिन उन्हें अलर्ट रहना चाहिए। H1N1 और H3N2 के अलावा, एक संभावना है कि इन्फ्लूएंजा बी भी हो सकता है। इन्फ्लूएंजा बी में, मरीज बेहतर महसूस करते हैं फिर भी उन्हें खुद से दवाएं लेने की अपेक्षा डॉक्टर को दिखा लेना चाहिए।