साक्षी मिश्रा और अजितेश की शादी का मामला सुर्खियों में आने के बाद सबसे ज्यादा किरकिरी साक्षी के पिता और बीजेपी के विधायक राजेश मिश्रा उर्फ पप्पू भरतौल की हो रही है. बरेली में दबंग नेता के रूप में पहचान बनाने वाले राजेश मिश्रा का पुराना आपराधिक इतिहास भी है. उनके खिलाफ एक नहीं दो नहीं बल्कि कई मामले अलग-अलग थानों में दर्ज हैं.
साल 2017 के विधानसभा चुनाव में राजेश मिश्रा उर्फ पप्पू भरतौल पहली बार बिथरी चैनपुर सीट से विधायक चुने गए. विधानसभा चुनाव में जो हलफनामा उन्होंने प्रत्याशी के रूप में दाखिल किया था, उसके मुताबिक उनके खिलाफ डकैती, रंगदारी और धोखाधड़ी जैसे कई आपराधिक मामले दर्ज हैं.
इसी साल लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दुष्यंत गौतम और उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा बरेली के दौरे पर थे. उम्मीदवार को लेकर बैठक हो रही थी. संतोष गंगवार अपनी लोकसभा सीट के जातिगत आंकड़े बता रहे थे. तभी राजेश मिश्रा ने कुछ आंकड़ों पर आपत्ति जताई. समझाने पर भी वह संतोष गंगवार से भिड़ गए. इसके बाद खुद उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने खड़े होकर राजेश मिश्रा को चुप होने के लिए कहा. ये मामला कई दिनों तक चर्चाओं में बना रहा.
साल 2018 में मुहर्रम जुलूस निकल रहा था. उसी दौरान राजेश मिश्रा ने बरेली में जमकर हंगामा किया. बवाल इतना बढ़ा कि नेशनल हाईवे जाम हो गया. हालत इनते बिगड़े कि आम लोगों के साथ-साथ बीजेपी विधायक राजेश मिश्रा उर्फ पप्पू भरतौल और उनके बेटे विक्की मिश्रा के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने, हथियार लहराने, पुलिस पर हमला करने और सरकारी काम में बाधा डालने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया.
वर्ष 2018 में भाजपा विधायक राजेश मिश्रा का एक वीडियो वायरल हुआ. जिसमें बीजेपी विधायक एक गांव के पूर्व प्रधान को 56 मुकदमों में फंसाने की धमकी दे रहे थे. वे उस वीडियो में पूर्व प्रधान को गालियां भी दे रहे थे. उस वीडियो में भाजपा विधायक ने बरेली जिले के हर थाने में पूर्व प्रधान के खिलाफ मुकदमे लिखवाने की धमकी दी थी. यह मामला भी खूब चर्चाओं में रहा था.
पिछले साल ही बरेली में कांवड़ यात्रा के बहाने विवादित विधायक राजेश मिश्रा जिले के डीएम से भिड़ गए थे. विधायक जबरन कांवड़ियों को मुस्लिम बहुल उमरिया गांव से निकलना चाहते थे. जबकि उस रास्ते से कांवड़ यात्रा कभी नहीं निकली थी. लिहाजा, जिला प्रशासन ने इस बात से साफ इनकार कर दिया. इसी बात को लेकर विधायक ने अराजकता फैलाने की कोशिश की. लेकिन बरेली जिला प्रशासन ने विधायक राजेश मिश्रा को नजरबंद कर दिया था.