मुंबई : बीएमसी स्कूलों से पढ़ाई करने वाले प्रतिभासंपन्न विद्यार्थियों की आगे की पढ़ाई का पूरा खर्च बीएमसी उठाएगी। इस निर्णय से 10वीं में टॉप 25 में जगह बनानेवाले विद्यार्थियों को ग्रैजुएशन तक की पढ़ाई के लिए फीस की चिंता नहीं करनी पड़ेगी। इस बारे में एक पॉलिसी तैयार हो रही है, जिसे कमिश्नर की मंजूरी के बाद लागू कर दिया जाएगा। आगामी 10वीं की परीक्षाओं के नतीजों के बाद यह सुविधा मिलनी शुरू हो जाएगी। बता दें कि देश में पहली बार किसी महानगर पालिका ने इतना बड़ा सकारात्मक कदम उठाया है।
बीएमसी के स्कूलों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के ही ज्यादातर बच्चे आते हैं। 10वीं में अच्छे अंक लाने के बाद भी ये आगे की पढ़ाई का खर्च नहीं उठा पाते और इनकी पढ़ाई आधे में ही छूट जाती है। इस योजना से प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को आगे की पढ़ाई के लिए आर्थिक चुनौतियों का सामना नहीं करना पड़ेगा और ग्रैजुएशन तक अपनी मर्जी की पढ़ाई कर पाएंगे। निश्चित रूप से इसका फायदा गरीब विद्यार्थियों को होगा और वे अपने सपने पूरे कर पाएंगे।
बता दें कि समाजवादी पार्टी के ग्रुप नेता रईस शेख ने सबसे पहले प्रतिभाशाली बच्चों की मदद का प्रस्ताव रखा था। उनके इस प्रस्ताव का सभी पार्टियों के ग्रुप नेताओं ने समर्थन किया। ग्रुप लीडरों और कमिश्नर की सहमति मिलने के बाद इस बारे में नीति बनाने का काम शुरू हुआ।
10वीं में अच्छे अंक लाने वाले विद्यार्थियों को मान्यता प्राप्त कॉलेज में प्रवेश के लिए इस योजना से मदद मिलेगी। शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे जॉइंट म्युनिसिपल कमिश्नर आशुतोष सलिल ने कहा कि ये बच्चे पढ़ाई में आगे जितनी उपलब्धियां हासिल करेंगे, उससे बीएमसी का नाम भी रोशन होगा। देश-विदेश में इनकी सफलता हमें गौरवान्वित करेगी। गौरतलब है कि मेडिकल, इंजिनियरिंग समेत अन्य क्षेत्रों में पढ़ाई का खर्च काफी महंगा होता है। इस पहल से अभिभावकों और बच्चों का झुकाव बीएमसी स्कूलों की ओर फिर से हो सकता है।