मुंबई : लोकसभा चुनाव के पहले मीडिया में इस बात की बहुत चर्चा थी कि भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना में गठबंधन (युति) नहीं होगी, लेकिन हमने एक दिन युति की घोषणा कर दी, अब विधानसभा चुनाव में भी ऐसा ही होगा। ऐसी झटपट युति होगी कि आपको पता भी नहीं चल पाएगा। यह विश्वास राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने व्यक्त किया। वे मंगलवार को महाजनादेश यात्रा के दौरान बीड में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित कर रहे थे। प्रेस कांफ्रेंस के दौरान ग्राम विकास मंत्री पंकजा मुंडे, यात्रा प्रमुख और प्रदेश महासचिव सुजीत सिंह ठाकुर, सांसद प्रीतम मुंडे, विधायक सुरेश धस और भाजपा प्रदेश सह मुख्य प्रवक्ता केशव उपाध्ये उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महाजनादेश यात्रा का अगले चरण में कई कांग्रेस, राकांपा के विधायक और विभिन्न दलों के लोग स्वागत करने वाले हैं। हमें यह स्वीकार है। कार्यकर्ता के बारे में भाजपा की ओपन डोर पॉलिसी है, लेकिन नेताओं को फिल्टर करने की भी नीति है। हम सभी दलों के नेताओं को समायोजित नहीं कर सकते, पार्टी में इतनी जगह नहीं है। जो आवश्यक है, उनके लिए ही जगह है। मुख्यमंत्री ने कहा कि महाजनादेश यात्रा का अभी तक 1641 किलोमीटर का प्रवास हो चुका है। 60 विधानसभा क्षेत्रों में यात्रा पहुंची है। यह यात्रा 150 विधानसभा क्षेत्रों और 32 जिलों से होकर गुजरेगी। विदर्भ का प्रवास पूर्ण हो चुका है, नाशिक-नगर के कुछ इलाकों को छोड़कर उत्तर महाराष्ट्र की यात्रा पूरी हो चुकी है। सोमवार को यह यात्रा मराठवाडा पहुंची। यात्रा को लेकर लोगों में प्रचंड प्रतिसाद देखने को मिला है। लोग मांगे रख रहे हैं और समर्थन दे रहे हैं, इसकी वजह यह है कि उन्हें विश्वास है कि यही सरकार उनकी मांग पूरी कर सकती है। उन्होंने कहा कि अन्य पार्टियों ने भी यात्रा निकाली है, लेकिन उनकी यात्रा को आम लोगों का समर्थन नहीं मिल रहा है। सोमवार को कांग्रेस ने यात्रा शुरु की। लोगों की भीड़ नहीं होने से कांग्रेस को मंगल कार्यालय से यात्रा शुरु करनी पड़ी और छोटे हॉल में सभा लेनी पड़ी। राकांपा की दो यात्रा निकली है।
राकांपा नेता सुप्रिया सुले ने संवाद यात्रा निकाली है। सुप्रिया ताई ने 15 वर्ष सत्ता में रहते हुए संवाद किया होता तो आज यह नौबत नहीं आती। सत्ता में रहते हुए उन्होंने केवल खुद से संवाद किया, जनता से नहीं किया, इसलिए जनता ने उन्हें इस स्थिति में ला दिया। सीएम ने कहा कि मराठवाडा में भीषण सूखे की स्थिति दिखाई दे रही है। बीड जिले में औसत की अपेक्षा कम बारिश हुई है। बड़े पैमाने पर फसल खराब हुई है। इस बारे में सरकार जो भी उपाय योजना करनी चाहिए, वह कर रही है। इस स्थिति का हर कैबिनेट बैठक में समीक्षा की जाती है।