मुंबई : कर्नाटक के मुख्यमंत्री बनने के बाद मंगलवार को पहली बार एक दिवसीय मुंबई दौरे पर आए मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा सबसे पहले मुख्यमंत्री के सरकारी आवास वर्षा बंगले पर जाकर मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस से मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच चली घंटों बैठक में महाराष्ट्र और कर्नाटक के सीमावर्ती भागों में बाढ़ आपदा से बचने के लिए हाई लेवल कमेटी और दोनों राज्यों के बीच बांध प्रबंधन के लिए समिति गठित किए जाने का निर्णय लिया गया। साथ ही मुख्यमंत्री फड़नवीस और बीएस येदियुरप्पा के बीच कई और मुद्दों पर चर्चा हुई। इस मौके पर मुख्यमंत्री येदियुरप्पा के साथ कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री सीएन अश्वतनारायण तथा गृहमंत्री भासवराज बोम्मई के अलावा महाराष्ट्र के ऊर्जा मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले, शिक्षा चिकित्सा मंत्री गिरीश महाजन मौजूद थे। इसके पहले मुख्यमंत्री येदियुरप्पा और उनके मंत्रियों ने वर्षा बंगले पर विराजमान गणपति बप्पा का दर्शन किया। बता दें कि हाल ही में राज्य के कोल्हापुर, सांगली और सातारा जिले में भंयकर बाढ़ आई थी, जिसे कर्नाटक स्थित अलमट्टी बांध को जिम्मेदार बताया गया था। इसको लेकर विपक्षियों ने आरोप लगाया था कि कर्नाटक में भाजपा की सरकार ने अगर कृष्णा नदी पर बने बांध से पानी नहीं छोड़ा होता तो पश्चिम महाराष्ट्र में इतनी बाढ़ नहीं आती। जिसके बाद राज्य के सीएम फड़नवीस ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री येदियुरप्पा से बातचीत करके अलमट्टी बांध का पानी बंद करने की गुजारिश की थी। उसके बाद मंगलवार को मुंबई दौरे पर आए कर्नाटक के मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के साथ बैठक कर दोनों राज्यों के आपदा प्रबंधन के लिए एक समिति बनाने की घोषणा की, जो आपदा से निपटने के लिए सरकार को सुझाव देगी। इस मौके पर आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के कृष्णा नदी के पानी के बंटवारे की मांग का विरोध करने का भी फैसला दोनों राज्यों की सरकारों ने किया। अब देखना है कि दोनों राज्य एक ही भूमिका में होंगे या तेलंगाना और आंध्र प्रदेश को कृष्णा नदी का पानी नहीं लेने देंगे।