मुंबई : असम में 60 एटीएम से पैसे उड़ाने वाले तुर्की के एक गैंग के दो सदस्यों को कोलाबा पुलिस ने गिरफ्तार किया है। गैंग के सदस्य एटीएम किओस्क में स्किमिंग मशीन लगा देते थे और फिर डेबिट और क्रेडिट कार्ड से लोगों के पैसे चुराते थे। तुर्किश गैंग के दोनों सदस्यों की पहचान 42 वर्षीय अब्दुल हालिक यरगान और 33 वर्षीय यूरा इगदी के तौर पर हुई है। असम साइबर पुलिस का कहना है कि गिरफ्तार आरोपी असम खासतौर पर गुवाहाटी में इस तरह के 60 अपराधों में संलिप्त हैं। वैसे कोलावा पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि ये आरोपी कहीं मुंबई में भी तो इस तरह की घटनाओं में शामिल नहीं हैं।
सूत्रों ने बताया कि मंगलवार को असम साइबर पुलिस ने कोलाबा पुलिस से संपर्क किया और उनको बताया कि मुंबई में तुर्की के नागरिक मौजूद हैं जो एटीएम फ्रॉड में संलिप्त हैं। इंस्पेक्टर एस.मोहित ने बताया, ‘असम पुलिस ने हमें बताया कि उनकी जांच में पता चला है कि दोनों ने कोलाबा में शरण ले रखा है लेकिन उनके मोबाइल फोन बंद हैं। हमने संदिग्ध की कॉल रिकॉर्ड खंगाली और उनको धर दबोचा।’ असम पुलिस द्वारा मुहैया कराए गए फोटोग्राफ के आधार पर कोलाबा पुलिस ने दोनों को एक होटल से गिरफ्तार किया। पूछताछ के दौरान दोनों ने बताया कि वे एक बड़े गिरोह में शामिल हैं।
पुलिस ने गिरोह के काम करने के तरीके के बारे में बताया। वे ऐसे एटीएम किओस्क में घुसते थे जहां कोई गार्ड नहीं होता था। वहां वे एक गुप्त कैमरे के साथ स्किमिंग मशीन लगा देते थे। जब कोई व्यक्ति पैसा निकालने एटीएम में जाता तो स्किमिंग मशीन से कार्ड का मैग्नेटिक कोड कॉपी हो जाता और कैमरे में पासवर्ड कैद हो जाता। फिर आरोपी डेबिट/क्रेडिट कार्ड का क्लोन तैयार करते और पीड़ित के कार्ड से पैसे उड़ा लेते।
इंस्पेक्टर राजीव बोरा के नेतृत्व में असम साइबर पुलिस गुरुवार को कोलाबा पहुंची और दोनों को रिमांड में लिया। दोनों को असम के एक कोर्ट में पेश किया जाएगा।
असम पुलिस गिरोह के सदस्यों के पीछे लगी हुई थी। जब दोनों ने दक्षिणी दिल्ली के एक एटीएम किओस्क को निशाना बनाया और 11,000 रुपये निकाले तो असम पुलिस को पहला सुराग मिला। जब पीड़ित ने शिकायत दर्ज कराई तो सीसीटीवी फुटेज की जांच की गई जिसमें असम पुलिस को पता चल गया कि वो दोनों वही आरोपी हैं, जो उनके रेडार पर हैं। लेकिन दोनों दिल्ली से बचकर मुंबई भाग गए।