मुंबई : गोरेगांव स्थित आरे में मेट्रो कारशेड बनाने का विवाद बढ़ता ही जा रहा है। गुरुवार को वृक्ष प्राधिकरण की बैठक में शिवसेना के सदस्यों ने इस मुद्दे पर जमकर हंगामा किया। बैठक में प्राधिकरण समिति अध्यक्ष एवं मनपा आयुक्त प्रवीणसिंह परदेशी के समक्ष ही स्थाई समिति अध्यक्ष यशवंत जाधव और राकांपा नगरसेवक कप्तान मलिक के बीच अपशब्दों का उपयोग हुआ। इस दौरान भाजपा के सदस्य मूक दर्शक बने हुए थे। जान से मारने की मिली धमकी के बाद शिकायत पर कप्तान मलिक को पुलिस सुरक्षा उपलब्ध कराई गई है। गौरतलब है कि वृक्ष प्राधिकरण की पिछली बैठक में आरे के 2700 पेड़ों को काटने के प्रस्ताव को भाजपा के अलावा राकांपा के कप्तान मलिक ने समर्थन दिया था एवं कांग्रेस के सदस्यों ने इस बैठक का बहिष्कार किया था। जिस वजह से शिवसेना के विरोध के बावजूद प्रस्ताव मंजूर हो गया था। उस समय स्थाई समिति अध्यक्ष जाधव ने अपने गुस्से का इजहार प्राधिकरण के विशेषज्ञ सदस्यों पर किया था और उन पर भ्रष्टाचार का भी आरोप लगाया था। गुरूवार को बैठक शुरू होते ही जाधव सहित शिवसेना के अन्य सदस्यों ने नगरसेवक कप्तान मलिक चोर है ,राष्ट्रवादी कांग्रेस चोर है का नारा लगाने लगे। जिसका जवाब कप्तान मलिक ने भी दिया। इस नोंक – झोंक के दौरान बाहर देख लेने की धमकी भी दी गई। शोर शराबे के बीच प्राधिकरण की बैठक स्थगित कर दी गईं। विवाद को टालने के लिए मनपा आयुक्तमलिक को अपने साथ ले गए। वृक्ष प्राधिकरण की बैठक में हंगामे के बाद कप्तान मलिक ने पुलिस आयुक्त संजय बर्वे से मुलाकात कर शिकायत की। उन्होंने आयुक्तको बताया कि उन्हें शिवसेना से जान को खतरा है। पुलिस आयुक्तने कप्तान मलिक को पुलिस सुरक्षा उपलब्ध कराई है। दो पुलिस कर्मी 24 घंटे उनके साथ रहेंगे। वहीं मनपा स्थाई समिति अध्यक्ष यशवंत जाधव ने गालीगलौज के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि हमने गाली नहीं दी। बैठक में सिर्फ राकांपा की दोहरी भूमिका का विरोध किया। गौरतलब है कि वृक्ष प्राधिकरण की बैठक में कप्तान ने पेड़ों को काटे जाने के प्रस्ताव का समर्थन किया था ,जबकि पार्टी की सांसद सुप्रिया सुले व अन्य नेताओं ने आरे में कारशेड का विरोध किया है।