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डॉन दाऊद इब्राहिम गैंग के मुंबई में आखिर क्यों बंद हो गए कॉल्स?

मुंबई : डॉन दाऊद इब्राहिम ने मुंबई में आखिरी कॉल कब किया था, इसको लेकर मुंबई पुलिस के पास कोई रेकॉर्ड नहीं है, लेकिन पुलिस का हमेशा दावा रहा कि उसके गैंग के पाकिस्तान में बैठे पंटर नियमित रूप से मुंबई कॉल्स करते रहे हैं। आश्चर्यजनक रूप से पिछले दो महीने में आने वाले इन कॉल्स में काफी कमी आई है। जांच एजेंसियां इस राज का पता लगाने की कोशिश कर रही हैं। एक अधिकारी ने बताया, ‘पिछले दो-तीन महीने में दो बड़े घटनाक्रम हुए। हमने दाऊद के भतीजे रिजवान को जुलाई के तीसरे सप्ताह में गिरफ्तार किया और 5 अगस्त से जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटा दिया गया। अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद पाकिस्तान से आने वाली हर लाइन, कॉल सर्विलेंस पर है। हो सकता है कि आईएसआई द्वारा पाकिस्तान में बैठे डी कंपनी के लोगों को खास निर्देश दिए गए हों कि तुम लोग अपने पाकिस्तान में होने का सबूत न छोड़ो अन्यथा भारत अंतराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान को फिर एक्सपोज कर देगा।’
दूसरा कारण, दाऊद इब्राहिम के भतीजे रिजवान की गिरफ्तारी से भी जुड़ा हो सकता है। हो सकता है डी कंपनी को लगता हो कि पाकिस्तान से आने वाली कॉल्स से दाऊद के परिवार के मुंबई में बचे गिने-चुने रिश्तेदार भी मुसीबत में न फंस जाएं।
मुंबई क्राइम बांच के एक अधिकारी के अनुसार, दाऊद गैंग के दो प्रमुख सदस्य छोटा शकील और फहीम मचमच महीने में औसतन सात से आठ कॉल्स डी कंपनी के मुंबई में परिवार के लोगों को करते ही थे। जब इकबाल कासकर को गिरफ्तार किया गया था, तब एक दिन में ही 20 से 25 कॉल्स हो जाते थे। इन कॉल्स में दाऊद का मेसेज भी पहुंचाया जाता था। कुछ कॉल्स में अनीस की ऑडियो रिकॉर्डिंग भी वॉट्सऐप के जरिए पहुंचाई जाती थी। कानूनी मदद के वास्ते भी नियमित कॉल्स आते थे।
अब कॉल्स आने की सारी गतिविधियां लगभग बंद हैं। रिजवान को भी जो कानूनी मदद दी गई, उसमें भी उसके परिवार के लोग पहले से मुंबई में मौजूद थे। इसीलिए उस केस में पाकिस्तान से दाऊद के परिवार या उसके वहां बैठे सरगनाओं ने कोई सीधे कॉल्स किए हों, इसके फिलहाल कोई सबूत जांच एजेंसियों को नहीं मिले हैं।

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