मुंबई : महाराष्ट्र में लंबे समय से चली आ रही सुगबुगाहट पर ठप्पा लगाते हुए आखिरकार भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अपने तीन अहम चेहरों को विधानसभा चुनाव में आराम दे दिया है। पार्टी की शुक्रवार सुबह जारी की गई लिस्ट में विनोद तावड़े, प्रकाश मेहता और एकनाथ खडसे के नाम नदारद हैं। तीनों नेताओं के नाम देवेंद्र फडणवीस सरकार के कार्यकाल के दौरान किसी न किसी घोटाले में आए थे। हालांकि, खडसे की जगह उनकी बेटी को टिकट दिया गया है।
तावड़े की जगह पार्टी ने बोरीवली से सुनील राणे को उतारा है। तावड़े पहली दो सूचियों में नाम न आने के बाद पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील से मिलने भी गए थे लेकिन उन्हें इसका फायदा नहीं मिल सका। गौरतलब है कि एक वक्त था जब तावड़े को मुख्यमंत्री पद का दावेदार माना जाता था। 2015 में तावड़े पर आरोप था कि उन्होंने अग्निशामक यंत्रों को खरीदने का 191 करोड़ रुपये का कॉन्ट्रैक्ट बिना ई-टेंडर निकाले दे दिया। हालांकि, तावड़े का दावा है कि एक भी रुपया कॉन्ट्रैक्टर्स को नहीं दिया गया और जैसे ही फाइनैंस डिपार्टमेंट ने आपत्ति दर्ज कराई उनके विभाग ने ऑर्डर को रुकवा दिया।
इसी तरह प्रकाश मेहता पर भी आरोप था कि उन्होंने झुग्गी पुनर्विकास परियोजना में गड़बड़ी की थी। उन्हें भी घाटकोपर ईस्ट से टिकट न देकर पराग शाह पर भरोसा जताया गया है। मेहता पर आरोप था कि उन्होंने गलत तरीके से साउथ बॉम्बे के एमपी मिल्स कंपाउंड में झुग्गी पुनर्स्थापन अथॉरिटी स्कीम के तहत एक्स्ट्रा बिल्डिंग राइट्स का ट्रांसफर किया।
पार्टी ने पूर्व वाणिज्य मंत्री और सबसे सीनियर नेताओं में से एक एकनाथ खडसे का भी टिकट काट दिया। हालांकि, जलगांव की मुक्ताईनगर सीट से विधायक खडसे ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर अपना नामांकन भर दिया है। दिलचस्प बात यह है कि पार्टी ने उनकी जगह उनकी बेटी रोहिणी खडसे को टिकट दिया है। खडसे को एक समय में सीएम पद का उम्मीदवार भी माना जाता था। हालांकि, उन्हें जमीन की डील में अपने खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद पद से इस्तीफा देना पड़ा था।