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तीन सुरक्षा दीवारों में कैद है वोटिंग मशीन

मुंबई : मतदान के बाद इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) की हिफाजत किसी खजाने की सुरक्षा से भी ज्यादा तगड़ी है। EVM को सुरक्षाबलों की तीन परतों वाली सुरक्षा में रखा गया है। अतिरिक्त मुख्य चुनाव अधिकारी दीपक शिंदे का दावा है कि EVM के आसपास तो क्या पूरे इलाके में कोई परिंदा भी पर नहीं मार सकता है। सोमवार को मतदान के बाद मंगलवार की सुबह EVM को कड़ी सुरक्षा के बीच स्ट्रांग रूम में पहुंचा दिया गया है। जिस कमरे में वोटिंग मशीनें रखी गईं हैं, उसे उम्मीदवारों के प्रतिनिधियों की निगरानी में सील कर बंद किया गया है। इसके बाद इसकी सुरक्षा के लिए सुरक्षा बलों की तीन परतें लगाई गईं हैं।
पहली सुरक्षा की परत केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स (CRPF) की है। इससे कुछ मीटर की दूरी पर महाराष्ट्र राज्य आरक्षित पुलिस बल (SRPF) के जवाब तैनात किए गए हैं। तीसरी सुरक्षा दीवार महाराष्ट्र पुलिस की है। तीनों सुरक्षा बलों के बीच कोई समन्वय नहीं होगा। महाराष्ट्र पुलिस के लोग दूसरी सुरक्षा दीवार के पास फटक भी नहीं सकते। खुद CRPF के लोग भी EVM की इमारत में प्रवेश तक नहीं कर सकते। महाराष्ट्र पुलिस के तीसरी दीवार के बाद राजनीतिक दल अपने लोगों को तैनात रख सकते हैं, जैसे कि कई जगह पर ऐसा नेताओं ने किया है। CCTV भी लगाया गया है।
अतिरिक्त मुख्य चुनाव अधिकारी दीपक शिंदे ने बताया कि सील बंद कमरे में रखी EVM अब मतगणना के दिन ही बाहर निकाली जाएगी। मतगणना के वक्त उम्मीदवारों के प्रतिनिधियों के सामने कमरे की सील तोड़ी जाएगी। EVM मशीन भी उनकी निगरानी में खोली जाएंगी। मतदान के बाद कई इलाकों में तेज बारिश हुई, इससे ईवीएम मशीन के भीगने के बारे में पूछने पर शिंदे ने बताया कि ऐसा कहीं नहीं हुआ है। मतदान के बाद सभी EVM सुरक्षित है। जो खबरें आ रही हैं, वह अफवाह के सिवा कुछ नहीं है।
महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस समिति अध्यक्ष बाला साहेब थोरात ने राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी को पत्र लिखकर EVM रखने की जगह स्ट्रांग रूम और मतगणना केंद्र परिसर में जैमर लगाने की मांग की है। थोरात को शक है कि EVM मशीन में मोबाइल इंटरनेट के जरिए हैकिंग हो सकती है। थोरात ने मांग की है कि हर राउंड में मतों की गणना होने के बाद मतों के आंकड़े तत्काल घोषित किए जाए, इसके बाद ही अगले राउंड में मतों की गणना की जाए। वीवीपैट के मतों की गणना के लिए मतदान यंत्र चुनने का मौका उम्मीदवार को दिया जाए। साथ ही किसी भी मतदान यंत्र के बारे में संदेह का निर्माण होने पर उस मतदान यंत्र में मतों की गणना चार बार की जाए। कांग्रेस अध्यक्ष ने 50 फीसदी वीवीपैट से गणना कराने की मांग पत्र के माध्यम से की है।
कांग्रेस के पहले एनसीपी ने मतदान केंद्र परिसर और स्ट्रांग रूम से तीन किलोमीटर के दायरे में इंटरनेट सेवा बंद करने की मांग की थी। इसके लिए पार्टी ने चुनाव आयोग को पत्र भी लिखा है। हालांक‍ि, चुनाव आयोग ने स्पष्ट रूप से कहा था कि मतगणना केंद्रों पर मोबाइल जैमर नहीं लगाए जाएंगे। मुख्य चुनाव अधिकारी बलदेव सिंह ने कहा कि EVM मशीन फुलप्रूफ है और इस मशीन का इंटरनेट और वाईफाई से संपर्क संभव नहीं है। ऐसे में, मतगणना केंद्र और स्ट्रांग रूम में मोबाइल जैमर लगाने का सवाल ही नहीं उठता।

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