मुंबई : पिछले कुछ दिनों से रेलवे के दलालों के खिलाफ लगातार चल रही कार्रवाई में फर्जी आईडी पर टिकट बुक कराने के मामले सामने आए हैं। दिवाली समेत अन्य त्योहारों की छुट्टियों के कारण टिकट की डिमांड काफी ज्यादा थी। रेलवे द्वारा चलाए जा रहे अभियान के तहत 545 यात्रियों को सफर के दौरान रेलवे की विजलेंस टीम ने कार्रवाई की है। पकड़े गए यात्री फर्जी आधार कार्ड और रियायत की टिकट पर सफर कर रहे थे। पकड़े गए सभी यात्रियों ने दलालों से टिकट खरीदा था। जानकारी के मुताबिक रेलवे की विजलेंस टीम ने जिन यात्रियों को फर्जी टिकट के साथ पकड़ा है। वे यात्री किसी अन्य यात्री के नाम पर बनाए गए टिकट पर फर्जी आईडी कार्ड बनवाकर सफर कर रहे थे, जबकि कुछ यात्री ऐसे हैं, जो रेलवे द्वारा वरिष्ठ नागरिकों को टिकट पर मिलने वाली रियायत का लाभ उठाकर फर्जी आई कार्ड के साथ उनका नाम और उम्र बदलकर सफर कर रहे थे। नकली आधार कार्ड के साथ सफर करने वाले 67 फर्जी यात्रियों को पश्चिम रेलवे की विजलेंस टीम ने पकड़ा है।
विजलेंस ने कुल 98 ई-टिकट पकड़े थे, जिनमें से 91 टिकट के साथ यात्री सफर कर रहे थे। इसी तरह मध्य रेलवे की विजलेंस टीम ने 492 यात्रियों को विशेष अभियान चलाकर पकड़ा है। ये सभी यात्री फर्जी आई कार्ड पर सफर कर रहे थे। इनमें से 5 यात्री ऐसे थे, जो वरिष्ठ नागरिक का आधार कार्ड बनाकर ट्रेन में सफर कर रहे थे। इन फर्जी यात्रियों से रेलवे ने जुर्माने के तौर पर 3,94,155 रुपये वसूले हैं। रेलवे की सतर्कता टीम ने पीआरएस सिस्टम में कुछ संदिग्ध बुकिंग ट्रांजैक्शन की छानबीन कर पता लगाया था कि ट्रेन सं.22956 भुज-बांद्रा टर्मिनस कच्छ एक्सप्रेस में बुक किए गए ई-टिकट दिवाली अवकाश के दौरान अलग-अलग तिथि पर एक ही नाम का उपयोग करते हुए बुक किए गए थे। यह भी संदेहजनक पाया गया था कि ये टिकट संदिग्ध सॉफ्टवेयर के माध्यम से अनधिकृत टिकट एजेंटों द्वारा बुक किए गए हैं।