मुंबई : महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को कहा कि कुछ मंत्रियों एवं पार्टी नेताओं को चुनाव में टिकट नहीं देने का फैसला केंद्रीय संसदीय बोर्ड का था। साथ ही उन्होंने कहा कि अक्टूबर में हुए विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार उतारे जाने के संबंध में प्रदेश बीजेपी इकाई ने कोई फैसला नहीं किया। संसदीय बोर्ड, बीजेपी का निर्णय लेने वाला शीर्ष निकाय है। विनोद तावड़े, चंद्रशेखर बावनकुले और प्रकाश मेहता जैसे पूर्व मंत्रियों को टिकट नहीं देने को लेकर फडणवीस की आलोचना हुई थी। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि इस फैसले के चलते बीजेपी को कई सीटों का नुकसान हुआ। बीजेपी को 2014 में 122 सीटें मिली थीं जो 2019 में घट कर 105 पर आ गई। फडणवीस ने स्वीकार किया कि विदर्भ से प्रमुख नेता बावनकुले को टिकट नहीं देने से क्षेत्र में पार्टी को नुकसान हुआ। फडणवीस ने यह बयान उस वक्त दिया है, जबकि महाराष्ट्र बीजेपी के कई नेता लगातार पार्टी के खिलाफ बगावती तेवर अपनाए हुए हैं। फडणवीस ने कहा कि मैं ऐसा व्यक्ति नहीं हूं जो अपनी उपलब्धियों या इसका रिकॉर्ड रखूं कि कितने लोग मुझे स्वीकार करते हैं लेकिन मेरे काम की खास सफलता यह है कि पवार जो कि एक प्रगतिशील नेता हैं, उन्होंने कई मौकों पर मेरी जाति को लेकर अप्रत्यक्ष टिप्पणियां कीं।