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चुनावी वादे ने लटकाई बीएमसी की कमाई

मुंबई : बीएमसी की अनुमान से कम हो रही कमाई के बावजूद 500 वर्ग फीट से छोटे घरों को प्रॉपर्टी टैक्स का बिल नहीं भेजा जा रहा है। राजनीतिक रूप से संवेदनशील इस मुद्दे पर अधिकारी आगे बढ़ने से कतरा रहे हैं। शिवसेना ने बीएमसी चुनाव से पहले 500 वर्ग फीट से छोटे घरों का प्रॉपर्टी टैक्स माफ करने का वादा किया था। देवेंद्र फडणवीस की तत्कालीन सरकार ने प्रॉपर्टी टैक्स के केवल ‘जनरल टैक्स’ वाले हिस्से पर ही छूट दी थी, जिस पर काफी हो-हल्ला भी हुआ था। एक अधिकारी ने कहा कि आज नहीं तो कल, इस मुद्दे का हल होगा ही। हम अब बड़े घरों पर ही फोकस बना रहे हैं। राज्य में शिवसेना के नेतृत्व में नई सरकार का गठन होने के बाद 20 दिन से ज्यादा का समय बीत जाने पर भी इस मुद्दे पर ठोस निर्णय नहीं लिया जा सका है। बीएमसी के असेंसमेंट ऐंड कलेक्शन विभाग में काम कर रहे एक अधिकारी ने कहा कि 500 वर्ग फीट से छोटे घरों पर सरकार की ओर से हमें स्पष्ट संकेत का इंतजार है। अभी हम जनरल टैक्स के अलावा बाकी टैक्स ले सकते हैं, लेकिन बिल भेजकर इस मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं करना चाहते। इससे पहले तक बीएमसी 500 वर्ग फीट से छोटे घरों वाली बिल्डिंगों में बड़े घरों को भी प्रॉपर्टी टैक्स का बिल नहीं भेज रही थी, लेकिन अब बड़े घरों को बिल भेजने की शुरुआत हो गई है।
बीएमसी ने इस साल प्रॉपर्टी टैक्स से 7,000 करोड़ रुपये से ज्यादा जुटाने का लक्ष्य रखा था, लेकिन यह 2,000 करोड़ रुपये के पास ही पहुंच पा रहा है। ऐसे में, मार्च तक यह लक्ष्य पूरा होने की संभावना कम ही दिख रही है। रियल इस्टेट में सुस्ती, बिल भेजने में देरी और प्रॉपर्टी टैक्स माफी के मुद्दे को भी कम टैक्स मिलने का कारण माना जा रहा है। एक अन्य अधिकारी ने कहा कि हम जल्द ही बकाएदारों पर कार्रवाई की शुरुआत करेंगे। इस मामले पर कांग्रेस नगरसेवक आसिफ जकारिया ने कहा कि महाविकास आघाडी की सरकार को इस संदर्भ में जल्द फैसला लेना चाहिए। बीएमसी को भी राजस्व के नए विकल्प तलाशने होंगे।

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