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अंडरवर्ल्ड के खिलाफ मुंबई क्राइम ब्रांच का ऑपरेशन, विक्रोली शूटआउट के 2 आरोपी अरेस्ट

मुंबई : अंडरवर्ल्ड के खिलाफ मुंबई क्राइम ब्रांच का ऑपरेशन फिर शुरू हो गया है। दो अलग-अलग केसों में विक्रोली शूआउट के दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। साथ ही 25 साल से फरार अंडरवर्ल्ड के एक आरोपी को भी पकड़ा किया है। पिछले हफ्ते विक्रोली में शिवसेना उपविभाग प्रमुख चंद्रशेखर जाधव पर अंधाधुंध गोलियां चलाई गईं थी। जाधव जब 19 दिसंबर को सुबह अपने बेटे के साथ एक मंदिर से दर्शन कर लौट थे, तब शूटर सागर मिश्रा उनके नजदीक यह बोलकर पहुंचा था कि डॉन प्रसाद पुजारी ने उन्हें मारने के लिए भेजा है। इसके बाद उसने एक साथ छह राउंड गोलियां चला दीं। कुछ गोलियों पास से निकल गईं लेकिन कुछ गोलियां जाधव को लगीं भी। इसके बाद जब सागर ने भागने की कोशिश की, तो पब्लिक ने उसे घेर लिया और बुरी तरह पीटना शुरू कर दिया। इसमें वह बुरी तरह घायल हो गया। वह अभी भी अस्पताल में भर्ती है।
जब सीनियर इंस्पेक्टर अजय सावंत और सचिन कदम ने उसकी तलाशी ली, तो उन्हें कागज का एक टुकड़ा मिला। इस कागज से क्राइम ब्रांच को कुछ ऐसे सुराग मिले, जिसके लिंक ठाणे से लेकर मध्य प्रदेश तक जुड़े हुए थे। डीसीपी शहाजी उमाप और एसीपी नेताजी भोपाले ने दो अलग-अलग टीमें बनाईं और फिर अपने अधिकारियों को वहां भेज दिया। मध्य प्रदेश से कृष्णधर सिंह को गिरफ्तार किया गया, जबकि ठाणे से आनंद फडतरे पकड़ा गया। पुलिस ने वह बाइक भी जब्त कर ली है, जिस पर बैठकर इस वारदात को अंजाम पर पहुंचाया गया।
इंस्पेक्टर राजू सुर्वे, सुनील पवार, विश्वास पाटील, सुशील बंजारी और कल्पेश देशमुख की जांच में यह बात सामने आई कि जिस प्रसाद पुजारी ने शिवसेना उपविभाग प्रमुख चंद्रशेखर जाधव की सुपारी दी थी, वह मूलत: कुमार पिल्लै का आदमी है। कुमार पिल्लै जब छोटा राजन गैंग में था, तो वह राजन के साथ जुड़ा रहा। बाद में जब राजन गैंग में फूट पड़ी, तो वह रवि पुजारी के साथ चला गया। करीब चार-पांच साल से वह खुद का गैंग चला रहा है। वैसे भी पिछले साल रवि पुजारी विदेश में गिरफ्तार हो चुका है।
क्राइम ब्रांच के एक दूसरे ऑपरेशन में तेली गली यूनिट ने 24 साल से फरार छोटा राजन गैंग के एक पुराने साथी अमर वाघ उर्फ यासीन मोहम्मद खान को गिरफ्तार किया है। सीनियर इंस्पेक्टर अजय जोशी ने बताया कि संबंधित आरोपी के खिलाफ ढाई-तीन दशक पहले करीब आधा दर्जन मामले दर्ज थे। इनमें से चार जोगेश्वरी पुलिस स्टेशन से जुड़े हुए थे।
इनमें से एक मर्डर का और दो उगाही के केस शामिल थे। उसने उस दौर में मूल रूप से काशीनाथ पासी और अनिल नांदोस्कर के लिए काम किया है, जो कभी छोटा राजन गैंग से जुड़े हुए थे। अमर वाघ पर समतानगर पुलिस स्टेशन में डकैती की कोशिश का भी एक केस दर्ज हुआ था। इसमें वह साल 1993 में गिरफ्तार हुआ। दो साल बाद 95 में उसे जमानत मिली। इसके बाद उसने एक मुस्लिम लड़की से शादी की और नालासोपारा शिफ्ट हो गया। यहां उसने अपना धर्म बदला, साथ ही अपना नाम अमर वाघ से बदलकर यासीन मोहम्मद खान कर दिया। इसी नए नाम से उसने अपना राशन कार्ड, पैन कार्ड और आधार कार्ड बनवाया और इसी नाम से लोगों के बीच अपना परिचय दिया।
दो महीने पहले डीसीपी अकबर पठान को जब उसके बारे में टिप मिली, तो सीनियर इंस्पेक्टर अजय जोशी को उस पर ट्रैप रखने को कहा गया। इसी में उसकी हर गतिविधि पर नजर रखी गई। उससे जुड़ी सारी डीटेल निकाली गईं। उसी में उसके पुराने नाम और पुराने काम- सभी का हिसाब क्राइम ब्रांच तक पहुंच गया। अंतत: उसे गिरफ्तार कर लिया गया।

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