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शहर में गंदगी बढ़ी, मच्छरों से परेशान बस्तियां

मुंबई : शहर में नियमित रूप से साफ सफाई के अभाव के कारण इन दिनों अनेक क्षेत्रों में गंदगी बढ़ती हुई दिखाई दे रही है. छोटी-छोटी बस्तियों के साथ-साथ शहर के मुख्य मार्गों पर भी गंदगी देखी जा सकती है. स्थानीय तेलीपुरा चौक, शरद बोस मार्ग, खंगर पुरा, सर्किट हाउस के सामने, ओपन थिएटर रोड़, स्टेशन चौक के आस पास का परिसर, रामदास पेठ, जठारपेठ, राऊतवाड़ी इसी तरह मंगरुलपीर रोड़, गौरक्षण रोड़, मलकापुर रोड़ पर स्थित बस्तियां आदि क्षेत्रों में मलकापुर रोड़ पर स्थित नित्यानंद नगर में सर्विस गली ने जंगली झाड़ियों को रूप धारण कर लिया है.
इसी तरह पिछले कई वर्षों से यहां गंदा पानी भरा हुआ है. लेकिन अकोला मनपा का ध्यान इस ओर नहीं जा रहा है. मनपा द्वारा डीडीटी पावड़र का छिड़काव भी शहर में नहीं किया जा रहा है. शहर के सभी सब्जी बाजारों की स्थिति भी खराब है. मुख्य सब्जी बाजार जनता बाजार इसी तरह जठारपेठ सब्जी बाजार, पुराना शहर के दोनों सब्जी बाजार, मुख्य बाजारपेठ में स्थित पुराना सब्जी बाजार, सिंधी कैम्प सब्जी बाजार आदि सभी क्षेत्रों में गंदगी देखी जा सकती है. मुख्य जनता सब्जी बाजार में तो सड़ी गली सब्जियों की गंदगी बजबजाती रहती है. जिसके कारण बदबू उड़ती है.
इसी के साथ साथ शहर में इन दिनों मच्छरों की संख्या में भी बहुत अधिक वृद्धि हुई है. जिससे लोग अब घबराने लगे हैं. कुछ कुछ क्षेत्रों में तो मलेरिया के रोगी भी देखे जा सकते हैं. कई बार शहर में डेंगू भी मुंह उठाने लगता है. यह सब मच्छरों के कारण होता है. एक सर्वेक्षण में प्राप्त जानकारी के अनुसार लोग हर माह अपने किराने के बजट में करीब 250 से 300 रु. की सामग्री मच्छरों से बचने के लिए खरीदते हैं. इस तरह एक आम आदमी का छोटा परिवार मच्छरों को भगाने के लिए करीब 3600 रु. साल के खर्च करता है.
जबकि परिसर में साफ सफाई रखने की जिम्मेदारी मनपा की रहती है. मनपा द्वारा लोगों को मूलभूत सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं करवायी जा रही हैं. जिसके कारण अब लोग मनपा से काफी नाराज देखे जा रहे हैं. लेकिन इस ओर अकोला मनपा का जरा भी ध्यान नहीं जा रहा है. इसी तरह शहर में जरा सी तेज हवा चलने पर सड़कों पर धूल उड़ने लगती है. लोगों की आंखों में जलन होने लगती है. इस कारण भी लोगों को तकलीफ होती है. इस ओर भी मनपा का ध्यान नहीं है.

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